मीडिया का भारतीयकरण जरूरी: प्रो. द्विवेदी

0
216

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा रायपुर में मीडिया परिसंवाद का आयोजन

रायपुर: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा रायपुर में आयोजित मीडिया परिसंवाद को संबोधित करते हुए भारतीय जन संचार संस्थान (IIMC) के महानिदेशक प्रो संजय द्विवेदी ने कहा कि आज की पत्रकारिता पश्चिमी मानकों पर टिकी है। हम अपनी परंपरा को भूल बैठे हैं। हमारी परंपरा लोकमंगल की है, इसलिए हमारी पत्रकारिता भी लोकमंगल के लिए है। अब हमें मीडिया का भारतीयकरण करना होगा। मीडिया को भारतीय परंपरा के अनुरूप और समाज को आध्यात्मिक आधार पर आगे बढ़ाना होगा।

छत्तीसगढ़ की राजधानी के शांति सरोवर रिट्रीट सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार एवं फिल्मकार राजेश बादल, राज्य उपभोक्ता प्रतितोषण आयोग के अध्यक्ष जस्टिस गौतम चौरडिया, पूर्व मंत्री चंद्रशेखर साहू, धार्मिक सेवा प्रभाग, प्रयागराज की अध्यक्ष ब्रह्माकुमारी मनोरमा दीदी, वरिष्ठ पत्रकार शिव दुबे, क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी कमला दीदी एवं कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग के अध्यक्ष डॉ. शाहिद अली भी उपस्थित रहे।

‘समाधान परक पत्रकारिता द्वारा समृद्ध भारत’ विषय पर आयोजित परिसंवाद को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए प्रो. द्विवेदी ने कहा कि कोविड के दौरान मीडिया ने लोगों को जागृत करने का सराहनीय कार्य किया है। मीडिया ने समाज को महामारी से डराया नहीं, बल्कि समाधान प्रस्तुत किया। आईआईएमसी के महानिदेशक ने सोशल मीडिया में फेक न्यूज से बढ़ रहे खतरे के प्रति सचेत करते हुए कहा कि बिना सोचे समझे किसी भी जानकारी को आगे फाॅरवर्ड न करें। उन्होंने कहा कि न बुरा लाइक करें, न टाइप करें और न ही शेयर करें। प्रो. द्विवेदी ने मीडियाकर्मियों को मानसिक शांति के लिए राजयोग मेडिटेशन सीखने का सुझाव दिया।

आजादी के समय थी सकारात्मक पत्रकारिता: बादल

वरिष्ठ पत्रकार एवं फिल्मकार राजेश बादल ने कहा कि पहले पत्रकारिता में धर्म और जाति के आधार पर भेद नहीं था। आजादी के समय सकारात्मक पत्रकारिता थी, लेकिन आज यह टुकड़ों में बंट गई है। यह सोचना ठीक नहीं कि पत्रकार समाज को ठीक नहीं करेगा, बल्कि समाज को उसे सुधारना होगा। पश्चिम की बुराइयां तो हमने अपना ली, लेकिन समाज के दबाव में आकर हमने अपनी अच्छाइयों को गंवा दिया।

समाज की दिशा और दशा बदलने में मीडिया की अहम भूमिका: जस्टिस चौरडिया

राज्य उपभोक्ता प्रतितोषण आयोग के अध्यक्ष जस्टिस गौतम चौरडिया ने कहा कि समाज की दिशा और दशा को बदलने में मीडिया की अहम भूमिका है। मीडिया समाज का आईना होता है। मीडिया के माध्यम से समाज को जागरूक कर सकते हैं, किन्तु अच्छे संस्कार कहां से लाएंगे। अच्छे इंसान बनाने के लिए बचपन से अच्छे संस्कार देने की जरूरत है।

वैचारिक क्रांति का श्रेय मीडिया को: मनोरमा दीदी

धार्मिक सेवा प्रभाग, प्रयागराज की अध्यक्ष ब्रह्माकुमारी मनोरमा दीदी ने मीडिया के महत्व को बतलाते हुए कहा कि आजादी के आंदोलन में वैचारिक क्रांति लाने का श्रेय मीडिया को रहा है। आज मीडिया बहुत बदल गया है। टेलीविजन के माध्यम से जो बातें कही जा रही हैं, वह मानसिकता को प्रदूषित कर रही हैं। समाज को किसी समस्या के बारे में बतलाना ठीक है, लेकिन साथ में मीडिया उसका समाधान भी बतलाए।

समाधान परक पत्रकारिता के लिए समाज को साथ आना होगा: दुबे

वरिष्ठ पत्रकार शिव दुबे ने कहा कि हमारा समाज समाधान परक पत्रकारिता के लिए तैयार नहीं है। हम में से प्रत्येक व्यक्ति समाज को बदलना चाहता है, लेकिन यह भी चाहता है कि उसे सुधारने वाला व्यक्ति पड़ोसी के घर पैदा हो। उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से किसी व्यक्ति के बारे में अनर्गल बातें फैलाने की आलोचना करते हुए कहा कि यह गैर जिम्मेदाराना पत्रकारिता है। समाधान परक पत्रकारिता के लिए समाज का साथ होना जरूरी है।

इस अवसर पर दिवंगत पत्रकार रमेश नैयर, गोविंद लाल वोरा, प्रो. कमल दीक्षित को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। मीडिया परिसंवाद में रायपुर के अलावा जगदलपुर, धमतरी, महासमुन्द, आरंग, अम्बिकापुर, बिलासपुर, रायगढ़, राजनांदगांव, दुर्ग और भिलाई सहित बड़ी संख्या में छत्तीसगढ़ के पत्रकारों ने भाग लिया।

 

 

 

 

#dailyaawaz #newswebsite #news #newsupdate #hindinews #breakingnews #headlines #headline #newsblog #hindisamachar #latestnewsinhindi

Hindi news, हिंदी न्यूज़ , Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Breaking News in Hindi, ताजा ख़बरें

Google search engine

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here