मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई सिंहस्थ-2028 के लिए गठित मंत्रीमंडलीय समिति की बैठक

0
26

भोपाल : मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि सिंहस्थ-2028 महापर्व के सुव्यवस्थित संचालन के लिए दीर्घकालीन कार्ययोजना का समय-सीमा में क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाये। संबंधित विभाग उनके कार्यक्षेत्र में जारी गतिविधियों की निरंतर समीक्षा कर यह सुनिश्चित करें कि सभी निर्माण कार्य दिसम्बर 2027 तक अनिवार्यत: पूर्ण हों। साथ ही भीड़ प्रबंधन तथा समस्त प्रमुख धार्मिक, सांस्कृतिक आयोजनों के लिए आवश्यक समन्वय भी इस अवधि तक सुनिश्चित कर लिया जाए।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंत्रालय में सिंहस्थ-2028 के लिए गठित मंत्रीमंडलीय समिति की चतुर्थ बैठक में ये निर्देश दिए। बैठक में उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय, लोक निर्माण मंत्री श्री राकेश सिंह, परिवहन एवं स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्रीमती सम्पतिया उइके, खाद्य, नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत, ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर (स्वतंत्र प्रभार), सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री श्री चैतन्य कुमार काश्यप, संस्कृति राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री धर्मेन्द्र भाव सिंह लोधी, तकनीकी शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री गौतम टैटवाल, नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री श्रीमती प्रतिमा बागरी, मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन सहित संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव एवं प्रमुख सचिव उपस्थित थे।

निर्माण कार्यों और व्यवस्थाओं में स्थानीय निवासियों को बनाएं सहभागी
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सिंहस्थ संबंधी निर्माण कार्यों तथा नगर के भीतर के मार्गों के चौड़ीकरण कार्य व अन्य योजनाओं के क्रियान्वयन में स्थानीय निवासियों को सहभागी बनाया जाए और उनके अभिमत को भी महत्व दिया जाए। सिंहस्थ के दौरान पदयात्रियों की सुविधा और वाहनों की पार्किंग का विशेष ध्यान रखा जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि इसके संबंध में सूचनाओं की सरल, सहज उपलब्धता सभी तक हो। सिंहस्थ अवधि में स्वच्छता को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए कचरा प्रबंधन के लिए अद्यतन तकनीक का उपयोग किया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि बेहतर प्रबंधन के लिए उज्जैन को सात जोन में विभाजित करते हुए पेयजल, स्वच्छता, आवागमन, कानून व्यवस्था, स्वास्थ्य, आवास आदि का प्रबंधन किया जाए। नगर निगम और विकास प्राधिकरण सहित अन्य संबंधित संस्थाओं की क्षमता विकास के लिए समय रहते आवश्यक कदम उठाए जाएं।

उज्जैन सहित खण्डवा, मंदसौर और खरगोन में भी होंगे कार्य
बैठक में कुल 2675 करोड़ रूपए लागत के 33 कार्य स्वीकृति के लिए प्रस्तुत किए गए। इनमें 25 कार्य उज्जैन, 3 खण्डवा, 2 मंदसौर और 3 खरगोन में होने हैं। इनमें नगरीयविकास एवं आवास विभाग के 21, लोक निर्माण के 6, रेलवे के 2 एवं पर्यटन, गृह, एमपीआरडीसी और जल संसाधन विभाग के एक-एक कार्य शामिल हैं।

12 किलोमीटर लंबे 6 लेन मार्ग से सभी घाटों को जोड़ा जाएगा
मंत्री-मण्डलीय समिति की चतुर्थ बैठक में क्षिप्रा नदी के पश्चिमी भाग पर सिंहस्थ बायपास से मेला क्षेत्र को आने वाले सभी मार्गों को कनेक्ट करते हुए नदी के पास स्थित मंदिरों और सभी घाटों को जोड़ने वाले एमआर-22 को स्वीकृति प्रदान की गई। लगभग 194 करोड़ रूपए लागत से बनने वाले 12 किलोमीटर लंबे 6 लेन मार्ग से सभी घाटों को जोड़ा जाएगा और सिंहस्थ के दौरान इसका बस रैपिट ट्रांजिट के रूप में उपयोग किया जा सकेगा। इसी प्रकार सिंहस्थ बायपास से रामघाट तक पहुंचने के लिए बड़नगर रोड के विकल्प के रूप में कार्तिक मेला ग्राउण्ड से नईखेड़ी मार्ग को अनुमोदन प्रदान किया गया। लगभग 3 किलोमीटर लंबे 36.59 करोड़ रूपए लागत के इस फोरलेन मार्ग से सिंहस्थ बायपास से शंकराचार्य चौराहे तक के ट्रैफिक कंजेशन में कमी आएगी। इसी प्रकार इंदौर उज्जैन रोड से क्षिप्रा नदी के पश्चिम भाग को जोड़ने के लिए शनि मंदिर से जीवनखेड़ी रोड, इंदौर रोड से आने वाले श्रद्धालुओं को त्रिवेणी घाट और शनि मंदिर तक पहुंचने के लिए वैकल्पिक मार्ग के रूप में उपयोग किए जाने वाले शांतिधाम चौराहा से शनि मंदिर रोड और महाकाल मंदिर को रामघाट से सीधे जोड़ने व महाकाल आने वालों को चौड़ा मार्ग उपलब्ध कराने के लिए महाराज वाडा चौराहा से हरसिद्धि मंदिर चौराहा क्षिप्रा नदी तक के रोड को समिति ने अनुमोदन प्रदान किया।

सुगम यातायात के लिए हो रही है पुख्ता व्यवस्था
मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अध्यक्षता में हुई इस महत्वपूर्ण बैठक में नरसिंहघाट रोड से दत्त अखाड़ा जोन, भूखीमाता मंदिर और नदी के पश्चिमी भाग को जोड़ने में वैकल्पिक रोड के रूप में उपयोग होने वाले कर्कराज पार्किंग से भूखीमाता मार्ग, लालपुल से एमआर-22 तक की 1.5 किलोमीटर लंबे फोरलेन मार्ग, भृतहरीगुफा से ऋणमुक्तेश्वर के बीच सुगम यातायात प्रबंधन के लिए 2 लेन मार्ग, गढ़कालिका मंदिर से पीर मत्स्येंद्रनाथ समाधि तक 2 लेन मार्ग को स्वीकृति प्रदान की गई। इसी प्रकार सुगम यातायात की पुख्ता व्यवस्था के लिए जूना सोमवारिया से पिपली नाका, अंकपात चौराहा मार्ग तक फोरलेन मार्ग, पिपली नाका से गढ़कालिका मंदिर ओखलेश्वर शमशान तक 6 लेन और सर्विस लेन, भैरवगढ़ जेल चौराहा से पिपलीना का 6 लेन सर्विस लेन, महाकाल पार्किंग से चौबीस खंबा सड़क तक फोरलेन, हरसिद्धि पाल से रामघाट रोड चौड़ीकरण, नीलकंठ द्वार से महाकाल चौराहा तक सड़क चौड़ीकरण और मकाड़िया आम चौराहा से विराट नगर होते हुए कानीपुरा-तराना मार्ग तक सड़क निर्माण कार्य को स्वीकृति प्रदान की गई।

पर्यटन विभाग को सौंपा जाएगा ग्रांड होटल परिसर
बैठक में क्षिप्रा नदी पर 122 करोड़ रूपए लागत से लगभग 9 किलोमीटर लंबाई के घाटों के उन्नयन कार्य, छत्री चौक स्थित रीगल टॉकीज पर पार्किंग, प्लाजा व दुकानों के निर्माण कार्य को स्वीकृति प्रदान की गई। इसके साथ ही ग्रांड होटल परिसर को पर्यटन विभाग को हस्तांतरित करने के उद्देश्य से अधिकारियों और स्टाफ क्वार्टर निर्माण तथा शहर के प्रमुख मार्गों के सड़क चौड़ीकरण से प्रभावित परिवारों के लिए पंवासा में भूखंड आवंटन के लिए अधोसंरचना विकास के उद्देश्य से आवश्यक अधोसंरचना सुविधाएं विकसित करने के लिए 10 करोड़ 34 लाख रूपए की स्वीकृति प्रदान की गई। बैठक में उज्जैन में रेलवे स्टेशन पर सुगम आवागमन के लिए पुल निर्माण, नईखेड़ी रेलवे स्टेशन, पंवासा फ्लैग स्टेशन, चिंतामन गणेश रेलवे स्टेशन कनेक्टिविटी के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।

ओंकारेश्वर में वर्तमान झूला पुल के समांतर होगा नए पुल का निर्माण
बैठक में ओंकारेश्वर (खण्डवा जिला) में श्रद्धालुओं के आवागमन के लिए 48 करोड़ 37 लाख रूपए की लागत से वर्तमान झूला पुल के समांतर एक नए पुल के निर्माण तथा मुख्य मंदिर के विकास कार्य, पुराने पुल से मंदिर तक रास्ते के समांतर एक अतिरिक्त पुल व नया प्रतीक्षालय निर्माण के लिए 60 करोड़ रूपए की स्वीकृति प्रदान की गई। बैठक में मंदसौर के पशुपतिनाथ मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं के शिवना नदी में स्नान और पूजन के लिए घाट निर्माण और सौन्दर्यीकरण कार्य के लिए 12 करोड़ 32 लाख रूपए की स्वीकृति भी प्रदान की गई। मंदसौर में ही महू-नीमच रोड से अंबेडकर चौराहा से कास्तकार रेस्टोरेंट होते हुए पशुपतिनाथ मंदिर तक 2 लेन रोड को स्वीकृति प्रदान की गई।

महेश्वर में अहिल्या लोक लेगा आकार
बैठक में सिंहस्थ-2028 के दौरान महेश्वर आने वाले श्रद्धालुओं को मां अहिल्या द्वारा कराए गए कार्यों से संबंधित जानकारियां उपलब्ध कराने के उद्देश्य से विकसित किए जा रहे अहिल्या लोक के निर्माण के लिए 110 करोड़ रूपए की स्वीकृति प्रदान की गई। साथ ही सिंहस्थ में श्रद्धालुओं के सुगम आवागमन के लिए धामनोद से बड़वाह तक 61.85 किलोमीटर लंबे मार्ग चौड़ीकरण के लिए 1441 करोड़ 85 लाख रूपए की भी स्वीकृति प्रदान की गई। महेश्वर खरगोन में नर्मदा घाट पर रैलिंग कार्य को भी स्वीकृति प्रदान की गई।

क्षिप्रा नदी में जल निरंतर प्रवाह योजना पर हुई चर्चा
मंत्री-मण्डलीय समिति ने जल संसाधन विभाग के अंतर्गत कान्ह नदी डायवर्शन, क्षिप्रा व कान्ह नदी पर बन रहे बैराजों तथा सिंहस्थ के लिए क्षिप्रा नदी में जल निरंतर प्रवाह योजना के अंतर्गत जारी कार्यों की भी समीक्षा की। इसके साथ ही ऊर्जा विभाग द्वारा विद्युत प्रदाय के लिए की जा रही व्यवस्था, लोक निर्माण विभाग के अन्य निर्माण कार्यों, संस्कृति विभाग द्वारा उज्जैन स्थित वीर दुर्गादास जी की छत्री के विकास एवं अनुरक्षण कार्य, लालबाग पैलेस परिसर इंदौर के उन्नयन, ममलेश्वर मंदिर ओंकारेश्वर के विकास कार्यों और पर्यटन विभाग द्वारा पर्यटक सुविधा केन्द्रों, ओंकार सर्किट के विकास सहित अन्य कार्यों की भी समीक्षा की। बैठक में गृह विभाग, नगरीय विकास एवं आवासविभाग द्वारा कराए जा रहे कार्यों की भी जानकारी प्रस्तुत की गई।

#dailyaawaz #newswebsite #news #newsupdate #hindinews #breakingnews #headlines #headline #newsblog #hindisamachar #latestnewsinhindi

Hindi news, हिंदी न्यूज़ , Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Breaking News in Hindi, ताजा ख़बरें

News & Image Source: khabarmasala

Google search engine

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here