मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुधवार को उत्तरप्रदेश की पावन नगरी मथुरा में माँ यमुना की सपरिवार पूजा-अर्चना की। उन्होंने यमुना जी के तट पर सपत्नीक दीपदान भी किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की नगरी होने से मथुरा की विशिष्ट पहचान है। अयोध्या, मथुरा, वाराणसी, उज्जैन, हरिद्वार, कांचीपुरम और द्वारका अनादि काल से अस्तित्व में रहे हैं, ये मोक्ष प्रदाय करने वाले नगर हैं। भगवान श्रीकृष्ण की जन्म स्थली और हमारे आचार्य महामंडलेश्वर बड़ा उदासीन गुरू शरणानंद जी के आश्रम में आने का मुझे सौभाग्य मिला है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सनातन संस्कृति की धारा में भगवान श्री राम और भगवान श्री कृष्ण अद्भुत, चमत्कारी होकर प्रत्येक सनातनी के लिये पूज्यनीय और वंदनीय हैं। भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण के साथ सनातन संस्कृति में हर युग में, हर काल और परिस्थिति सनातनी धर्माम्बलंबियों का विश्वास अटूट रहा है। आज भी इनकी शिक्षाएं समीचीन हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में पाठ्यक्रमों में भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण की शिक्षाओं का समावेश किया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पौष माह में देव दर्शन का विशेष महत्व है। मकर संक्रांति के पावन पर्व के पहले कुंभ स्नान भी होना है। ऐसे पवित्र माह और बारह साल में आने वाले अदभुत अवसर पर मथुरा आकर भगवान का वंदन और गुरू का आशीर्वाद परिवार के लिये निश्चय ही मंगलकारी होगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मथुरा में स्थानीय जनप्रतिनिधियों और आचार्य महामंडलेश्वर बड़ा उदासीन गुरू शरणानंद जी के आश्रम में अनेक श्रद्धालुओं से भेंट कर चर्चा की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मथुरा के अन्य मंदिरों में भी दर्शन लाभ लिया।
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