मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बालाघाट जिले में महिला नक्सली के आत्म समर्पण पर पुलिस बल को बधाई दी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि नक्सली गतिविधियों के नियंत्रण के संबंध में पूर्व में भी मध्यप्रदेश पुलिस को काफी सफलता मिली है। बालाघाट में एक नवम्बर को लांजी थाने के अंतर्गत चोरिया कैंप में महिला नक्सली सुनीता द्वारा हथियारों सहित समर्पण किया गया है। सुनीता पर 14 लाख रुपए का इनाम घोषित था। मध्यप्रदेश द्वारा अपनाई गई प्रभावी आत्मसमर्पण नीति के परिणामस्वरूप यह पहला आत्मसमर्पण हुआ है। प्रदेश में इसके पूर्व भी नक्सलियों ने समर्पण किया है। इसके साथ ही नक्सलियों को मारने में भी राज्य के पुलिस बल को निरंतर सफलता मिली है। प्रधानमंत्री और केन्द्रीय गृह मंत्री के मार्गदर्शन में नक्सल नियंत्रण का प्राप्त करेंगे लक्ष्य।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में आगामी वर्ष तक नक्सल नियंत्रण के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में मध्यप्रदेश सजग है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश पुलिस को इस सफलता पर बधाई देते हुए आशा करता हूं नक्सल विरोधी अभियान जारी रहेगा और हमारे पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की नक्सल गतिविधियों के संदर्भ में प्रदेश में होने वाली किसी भी छोटी सी गतिविधि को भी नियंत्रित करने में हम पूरी तरह सफल होंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गत 10 महीने में लगभग डेढ़ करोड़ रूपए के इनामी नक्सलियों को निष्क्रिय किया गया है। पुलिस आउटरीच प्रोग्राम के भी अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। राज्य सरकार ने सॉफ्ट टच अप्रोच के अंतर्गत आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के लिए पुनर्वास के रास्ते भी खोले हैं। वर्ष 1992 के बाद पहली बार अन्य राज्य के किसी सशस्त्र नक्सली कैडर ने मध्यप्रदेश शासन के सामने आत्मसमर्पण किया है।
बालाघाट में 1 नवम्बर को थाना लांजी के चौरिया कैम्प अंतर्गत एक हार्डकोर सशस्त्र महिला नक्सली, सुनीता पिता बिसरू ओयाम निवासी गोमवेटा, तहसील भैरमगढ़, जिला बीजापुर, ने शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं और भारत के संविधान पर विश्वास जताते हुए जिला पुलिस बालाघाट के समक्ष अपने हथियार INSAS राइफल मय 3 मैगजीन्स, 30 जिंदा राउंड्स एवं UBGL शेल के साथ आत्मसमर्पण किया।
सशस्त्र नक्सली सुनीता मलाजखंड दर्रेकसा दलम में एसीएम है, जो इंसास रायफल के साथ सशस्त्र नक्सली संघटन में मध्यप्रदेश, गोंदिया एवं राजनांदगांव (GRB) डिविजन में सक्रिय थी। उस पर छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र एवं मध्यप्रदेश में 14 लाख रुपये का इनाम घोषित था। सुनीता पिता बिसरु ओयाम माओवादी संगठन में वर्ष 2022 में जुड़ी थी। छत्तीसगढ़ के माड क्षेत्र में 06 माह का प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद उसने सीसी मेंबर रामदेर के गार्ड के रूप में कार्य किया।
यह मध्यप्रदेश आत्मसमर्पण, पुनर्वास सह राहत नीति 2023 के अंतर्गत पहला आत्मसमर्पण है और 1992 के बाद से पहली बार अन्य राज्य के किसी सशस्त्र नक्सली कैडर ने म.प्र. शासन के सामने आत्मसमर्पण किया है।
उल्लेखनीय है कि पिछले 10 महीनों में मध्यप्रदेश में 1.46 करोड़ रुपये के इनामी नक्सलियों को न केवल निष्क्रिय किया गया है, बल्कि राज्य सरकार सॉफ्ट टच एप्रोच के तहत आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के लिए पुनर्वास के रास्ते भी खोल रही है। पिछले समय से लगातार चल रहे पुलिस आउटरीच प्रोग्राम के परिणामस्वरूप, सशस्त्र नक्सली सुनीता ने आत्मसमर्पण के लिए यह पहला कदम उठाया है। मध्यप्रदेश पुलिस आत्मसमर्पण, पुनर्वास सह राहत नीति 2023 के प्रावधानों के तहत आत्मसमर्पण कर सशस्त्र आंदोलन को छोड़ कर मुख्य धारा में आने वालों को सभी लाभ दिलाने के लिए कटिबद्ध है।
#dailyaawaz #newswebsite #news #newsupdate #hindinews #breakingnews #headlines #headline #newsblog #hindisamachar #latestnewsinhindi
Hindi news, हिंदी न्यूज़ , Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Breaking News in Hindi, ताजा ख़बरें
News & Image Source: mpinfo.org



