मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राष्ट्रायात उद्योग ब्रिज एंड रूफ कॉर्पोरेशन की ठेकेदार संस्था जीजीएम से 10 लाख रुपये रिश्वत लेने के मामले में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी बिष्णुपद सेठी की मुश्किलें बढ़ने वाली है। वरिष्ठ आईएएस अधिकारी सेठी को सीबीआई ने 10 दिसम्बर को नोटिस जारी किया था और 11 दिसम्बर को हाजिर होने के लिए समन दिया था, परन्तु वह सीबीआई के पास हाजिर नहीं हुए। इस संदर्भ में सेठी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। यह समन इसी महीने की शुरुआत में 6 दिसंबर को तीन लोगों की गिरफ्तारी के बाद जारी किया गया है। यह खबर शनिवार को सामने आने के बाद वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। जानकारी के मुताबिक सीबीआई ने पहले एक खास परियोजना को लेकर वरिष्ठ आईएएस अधिकारी बिष्णुपद सेठी के ड्राइवर को तलब किया था। विष्णुपद सेठी वर्तमान में प्रधान सचिव, अनुसूचित जनजाति और जाति विकास विभाग, सामाजिक सुरक्षा और विकलांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण विभाग और ओडिया भाषा, साहित्य और संस्कृति विभाग के रूप में कार्यरत हैं। राज्य के विभिन्न हिस्सों में इन विभागों की कई बुनियादी ढांचा परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं।इसलिए सीबीआइ ने ड्राइवरों से टेंडर फिक्स करने के बारे में कुछ रहस्यों से पर्दा उठाने की योजना बना रही है। बताया जाता है कि इसके जरिए सीबीआई ने यह पता लगाने की कोशिश की कि टेंडर तय करने में राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे या नहीं। सीबीआई के इस समन से ओडिशा के वरिष्ठ अधिकारियों में हड़कंप मच गया है।राज्य में नई सरकार बनने के बाद पहली बार सीबीआई ने बड़े स्तर पर धर पकड़ शुरू किया है। ऐसे में अन्य विभाग में भी घोटाले को लेकर चहलकदमी बढ़ गई है। पिछली सरकार में इस ठेकेदार संस्था ने कई करोड़ रुपये की परियोजनाएं हाथ में ली थीं। सीबीआई उन्हें भी जांच के दायरे में ली है। सीबीआई ने जहां मामले के तीन आरोपियों को पांच दिन के लिए रिमांड पर लिया है, वहीं कुछ लोगों को आज दूसरे दिन सीबीआई कार्यालय बुलाया है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि ब्रिज एंड रूफ कॉरपोरेशन के जीजीएम ने अकेले रिश्वत रैकेट में शामिल है या फिर इसमें केंद्र और राज्य सरकार के अन्य अधिकारी भी शामिल हैं। इसी संदर्भ में जानकारी हासिल करने के लिए सीसीबीआई छानबीन कर रही है। गौरतलब है कि सीबीआइ ने 7 दिसम्बर को एफआईआर दर्ज किया था।इस मामले में ब्रिज एंड रूफ इंडिया कंपनी के ओडिशा डिवीजन के प्रमुख (महाप्रबंधक) चंचल मुखर्जी, ठेकेदार संतोष महाराणा और सुपर क्लास ठेकेदार देवदत्त महापात्र को गिरफ्तार किया है। तीनों को सीबीआई द्वारा आगे की पूछताछ के लिए रिमांड में रखा गया है। प्राथमिक जांच में सेठी के ड्राइवरों की भी संलिप्तता सामने आई है, जिन्हें सीबीआई ने जांच में सहायता के लिए बुलाया है। आरोपों से पता चलता है कि ड्राइवरों ने मुखर्जी के साथ लेनदेन में मदद की होगी। जानकारी के अनुसार आईएएस बिष्णुपद सेठी, जो वर्तमान में सरकार के प्रधान सचिव के रूप में सेवारत हैं, ने ब्रिज एंड रूफ प्राइवेट लिमिटेड के प्रमुख चंचल मुखर्जी को परियोजनाएं सौंपी हैं। रिपोर्टों से पता चलता है कि हाल ही में मर्सिडीज से जब्त 10 लाख रुपये परियोजना के लिए रिश्वत थे। कानून मंत्री पृथ्वी रंजन हरिचंदन ने कहा है कि यदि भ्रष्टाचार का लिंक मिलता है तो जांच होगी। चाहे वह कितना बड़ा अधिकारी हो यदि भ्रष्टाचार का प्रमाण मिलेगा तो हमारी सरकार सुनिश्चित करेगी कि उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। यदि कोई लिंक पाया जाता है, तो कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। मंत्री का यह बयान वरिष्ठ आइएएस अधिकारी विष्णु पद सेठी को सीबीआई समन के बाद आया है।
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