भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर की प्रतिक्रिया बडी ही सटीक रहती है। फिर चाहे वो यूएन की बैठक हो या किसी देश के साथ की द्विपक्षीय मीटिंग। मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बांग्लादेश में चीन के शीर्ष राजनयिक ली जिमिंग ने कहा है कि, वह व्यक्तिगत रूप से भारत के बहुत बड़े प्रशंसक हैं और उन्हें लगता है कि भारत और चीन आर्थिक और भू-राजनीतिक मुद्दों को हल करने के लिए मिलकर काम कर सकते हैं। ली ने ढाका में कहा कि चीन की भारत के साथ कोई रणनीतिक प्रतिद्वंदिता नहीं है और वह बंगाल की खाड़ी को ‘भारी हथियारों से लैस’ नहीं देखना चाहता। किन्तु उनकी ये दरियादिली तब आई है जब एस जयशंकर ने सुन विडोंग को साफ शब्दों में स्पष्ट कर दिया है कि जब तक सीमा में शांति नहीं होगी भारत-चीन के रिश्ते नहीं सुधर सकते।
मीडिया सूत्रों के हवाले से सामने आई खबर के अनुसार, बांग्लादेश में राजनयिक संवाददाताओं से बातचीत के दौरान ली ने कहा कि चीन भारत को कभी भी ‘रणनीतिक प्रतिद्वंद्वी या रणनीतिक प्रतिद्वंद्वी’ के रूप में नहीं देखता है। उन्होंने कहा कि चीन “बंगाल की खाड़ी को भारी हथियारों से लैस नहीं देखना चाहता”। बांग्लादेश में चीन के राजदूत ली जिमिंग ने बुधवार को कहा कि उनका देश और भारत किसी भी आर्थिक, भू-राजनीतिक और अन्य मुद्दों को सुलझाने के लिए मिलकर काम कर सकते हैं। मीडिया की माने तो उन्होंने कहा कि, “व्यक्तिगत रूप से, मैं भारत का बहुत बड़ा प्रशंसक हूं। हम आर्थिक और भू-राजनीतिक मुद्दों को हल करने के लिए मिलकर काम कर सकते हैं।
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