युवा टंट्या मामा से प्रेरणा लें समाज के विकास में सहयोग करें

0
243

राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि टंट्या मामा से प्रेरणा लेते हुए युवा वर्ग जनजातीय समाज के विकास में सहयोग करें। सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के लाभ जनजातीय समाज को दिलाने के लिए आगे आएँ। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि टंट्या मामा ने जिन मूल्यों के लिए संघर्ष किया, उन लक्ष्यों को पूरा करने का कार्य सरकार जी-जान से कर रही है।

राज्यपाल श्री पटेल, मुख्यमंत्री श्री चौहान खरगोन जिले में क्रांतिकारी जननायक टंट्या भील जन्मोत्सव कार्यक्रम को भोपाल से आभासी माध्यम से संबोधित कर रहे थे।

राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि टंट्या मामा ने जनजाति समाज के स्वाभिमान के संरक्षण, जल, जंगल और जमीन को बचाने के लिए जान की चिंता किए बिना साम्राज्यवादी ताकतों के साथ संघर्ष किया। शोषितों, पीड़ितों के रहनुमा जनजातीय गौरव टंट्या मामा के जन्मोत्सव कार्यक्रम में शामिल होना, गर्व और गौरव की बात है। टंट्या मामा ने धर्म, संस्कृति और जातीय स्वाभिमान की रक्षा के लिए त्याग, बलिदान, साहस और सेवा की मिसाल बनायी है। वे मात्र वनवासियों की आवाज नहीं थे। समाज के अंतिम पंक्ति के व्यक्तियों के हितों के रक्षक थे। उस समय के अमेरिका के अंग्रेजी अख़बार न्यूयॉर्क टाइम्स ने उन्हें भारत का रॉबिन हुड लिखा था, जो गरीबों का मसीहा था। राज्यपाल श्री पटेल ने सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि जनजातीय समाज की सेहत, शिक्षा, आवास और आजीविका के क्षेत्र में सम्भावनाओं के नए द्वार खुले हैं। उन्होंने अपील की है कि जन्मजात और जानलेवा सिकल सेल रोग को खत्म करने के लिए रोग की जाँच के लिए जनजातीय भाई-बहन आगे आएँ। रोग के लक्षण दिखने से पहले ही रोग की पहचान होने से बेहतर उपचार संभव होगा। संकल्प कराया कि जनजातीय समाज की तरक्की के लिए सरकार की योजनाओं का लाभ लेकर बच्चों की अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य और परिवार का जीवन स्तर बेहतर बनाएंगे। भावी पीढ़ी को खुशहाल और उज्जवल जीवन प्रदान करेंगे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सरकार सब की है लेकिन पहला हक गरीबों का है। उन्होंने बताया प्रधानमंत्री नि:शुल्क खाद्यान्न योजना के तहत खाद्यान्न का वितरण सितम्बर माह तक किया जाएगा। वन ग्रामों के विकास के लिए आठ सौ ग्रामों को राजस्व ग्राम में बदला जाएगा। रहने की जमीन के पट्टे भी दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि 35 हजार पट्टों का वितरण किया जा रहा है। परीक्षण का कार्य भी जारी है। उन्होंने बताया कि निर्धारित दर से अधिक पर ब्याज के मामलों को शून्य किया गया है। वनोपज को समर्थन मूल्य पर खरीदने का कार्य भी किया जाएगा। तेंदूपत्ता लाभ का 75 प्रतिशत संग्राहकों को बोनस के रुप में दिया जाएगा। पेसा कानून के तहत 5 प्रतिशत ग्राम सभा को मिलेगा। उन्होंने कहा कि सरकार समरसता के साथ पेसा कानून को लागू कर रही है। सरकार ने जो 18 संकल्प लिए हैं, उन्हें तेजी से पूरा किया जा रहा है। उन्होंने कार्यक्रम में टंट्या मामा का लोक गीतों के द्वारा स्मरण किया।

जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री सुश्री मीना सिंह मांडवे ने कहा कि आज़ादी के संघर्ष में जनजातीय नायकों के योगदान को इतिहास के पन्नों में भुला दिया गया था। प्रदेश सरकार द्वारा जनजातीय गौरव से पूरे देश को परिचित कराने का प्रयास किया है। उन्होंने जनजातीय विकास के लिए किए जा रहे कार्यों का विवरण देते हुए समाज को योजनाओं के लाभ प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया।

पर्यटन, संस्कृति, अध्यात्म मंत्री सुश्री उषा ठाकुर ने कहा कि जन्मोत्सव का उद्देश्य टंट्या मामा के सद्गुणों को आत्म-सात करने के संकल्प का अवसर है। उनकी राष्ट्र, धर्म और परम्परा के प्रति आस्था और वीरता का अनुसरण किया जाना चाहिए। उन्होंने टंट्या मामा का चित्र घरों में लगाकर भावी पीढ़ी को प्रेरित करने के लिए कहा। उन्होंने बताया कि टंट्या मामा धर्म, संस्कृति, राष्ट्र रक्षा के ध्वज वाहक थे, जिन्होंने गरीब को न्याय दिलाने, गरीब कन्याओं का विवाह कराने के कार्य किए। अपना सुख-दुख नहीं देखा। उसी तरह प्रदेश सरकार ने जन-कल्याण की योजनाएँ बनाई है। उन्होंने बताया कि शिविर लगाकर योजनाओं के लाभ आपके पास पहुँचाने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बच्चों को खूब पढ़ाने के लिए प्रेरित किया। कहा कि सरकार पूरा सहयोग दे रही है।

कार्यक्रम के प्रारम्भ में पंचायत एवं ग्रामीण विकास, जल संसाधन, महिला एवं बाल विकास और जनजातीय कार्य विभाग के अनेक विकास कार्यों का भूमि-पूजन और लोकार्पण किया गया। टंट्या मामा के वंशज श्री रुपचंद्र सिरसाठे, थमाई बाई सिरसाठे आदि का सम्मान किया गया। मंत्रीद्वय ने शासकीय योजनाओं के हित लाभ पत्र का वितरण किया। निमाड़ के क्रांतिकारी नायक नामक पुस्तक का विमोचन किया। लेखक श्री जगदीश जोशीले का शॉल, श्रीफल से सम्मान किया। सांसद श्री ज्ञानेश्वर पाटिल, श्री धूल सिंह डाबर, श्री गुलाब सिंह वास्कले, श्रीमती नंदा ब्राह्मणें ने संबोधित किया। कार्यक्रम में डॉ. चंद्रजीत साँवले ने सिकल सेल एनीमिया के बारे में बताया। इस अवसर पर रोग जाँच और स्वास्थ्य शिविर का भी आयोजन किया गया था।

Google search engine

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here