युवा बनाएंगे मध्यप्रदेश को आत्म-निर्भर

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मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि स्वंय पर विश्वास, लक्ष्य की स्पष्टता, एकाग्रचित होकर प्रयास करना और उत्साह बनाए रखना सफलता का आधार है। प्रत्येक व्यक्ति में नैसर्गिक क्षमताएँ हैं, ईश्वर ने सभी को प्रतिभा सम्पन्न बनाया है। अपनी रूचियों एवं क्षमताओं को पहचानना और उनका प्रकटीकरण आवश्यक है। प्रदेश में युवाओं की शिक्षा, कौशल उन्नयन और दक्षता संवर्धन के लिए समग्र रूप से सकारात्मक वातावरण विद्यमान है। युवा अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शित करें और आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण में योगदान दें। युवा ही मध्यप्रदेश को आत्म-निर्भर बनाएंगे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान आज भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में विद्यार्थियों के साथ युवा संवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा श्री शैलेन्द्र सिंह विशेष रूप से उपस्थित थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने महिला सशक्तिकरण के गीत की गूँज के बीच कन्या-पूजन तथा दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। सरोजनी नायडू कन्या महाविद्यालय की छात्राओं द्वारा मध्यप्रदेश गान प्रस्तुत किया गया। राज्य स्तरीय कार्यक्रम में प्रदेश के सभी जिलों ने वर्चुअली सहभागिता की। प्रदेश के 1300 से अधिक शासकीय, अशासकीय, अनुदान प्राप्त महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों के विद्यार्थी वुर्चअल और लाईव ब्राडकॉस्टिंग से जुड़े।

मुख्यमंत्री श्री चौहान से प्रदेश के विद्यार्थियों ने अपनी जिज्ञासाओं के संबंध में प्रश्न किए। प्रथम प्रश्न बैतूल के जयवंति हक्सर शासकीय महाविद्यालय की छात्रा कृतिका चौरसिया ने पूछा कि – “मुख्यमंत्री महोदय तो गोल्ड मेडलिस्ट हैं, कृपया मार्गदर्शन दें कि परीक्षा में अच्छे अंक लाने के लिए हमें क्या प्रयास करने चाहिए।” प्रश्न के उत्तर में

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने संत तुलसीदास और कवि कालिदास का उदाहरण देते हुए कहा कि क्षमताएँ सभी में होती हैं, उनका प्रतिबद्धता के साथ प्रकटीकरण आवश्यक है। विद्यार्थी, अपना लक्ष्य निर्धारित कर आत्म-विश्वास, उत्साह और एकाग्रता के साथ कार्य करें, यही सफलता का आधार है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हमें स्वयं पर भरोसा रखना, सीखना है। बिना तनाव लिए निरंतर कोशिश करते हुए आगे बढ़ने की भावना को बनाए रखना होगा।

मुख्यमंत्री श्री चौहान से छतरपुर की कुमारी खुशी करवरिया ने पूछा कि – “मैं एमबीए करना चाहती हूँ। इसके लिए शासन की क्या योजनाएँ हैं, गरीब परिवार की छात्राएँ कैसे सहायता प्राप्त कर सकती हैं।”

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सहजता से उत्तर देते हुए कहा कि – “धन के अभाव में प्रदेश का कोई विद्यार्थी पढ़ाई से वंचित न रहे, इसके लिए राज्य सरकार द्वारा पर्याप्त व्यवस्था की गई है। शाला स्तर पर विभिन्न योजनाएँ संचालित हैं। महाविद्यालयीन स्तर पर सहायता के लिए मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना और गाँव की बेटी योजना से सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। गाँव की बेटी योजना में 12वीं कक्षा में 60 प्रतिशत अंक से उत्तीर्ण करने वाली बेटियों को 5 हजार रूपये छात्रवृत्ति प्रति वर्ष प्रदान करने की व्यवस्था है। वर्ष 2021- 22 में 1लाख 74 हजार से अधिक बालिकाओं को योजनाओं में लाभ प्राप्त हुआ है। मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना में पिछले 2 वर्ष में 67 हजार से अधिक विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए 237 करोड़ रुपए से अधिक की फीस की प्रतिपूर्ति की गई है।” मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि – “प्रदेश के 25 विद्यार्थियों के लिए आईआईएम की 2 करोड़ 50 लाख रूपये से अधिक की फीस राज्य शासन द्वारा जमा कराई गई। तकनीकी शिक्षा के लिए 2 हजार 981 विद्यार्थियों के लिए 28 करोड़ से अधिक की फीस राज्य शासन ने जमा कराई। प्रदेश में स्थित आईआईटी, एनआईटी, एनआईएफटी और आईसर संस्थाओं में 206 विद्यार्थियों के लिए 6 करोड़ रूपये से अधिक की फीस जमा कराई गई है।”

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि उज्जैन की कुमारी सोनम टैगोर ब्रिटेन से एमबीए कर रही हैं। राज्य सरकार ने उनकी 45 लाख 71 हजार की फीस जमा कराई है। इसी प्रकार भोपाल के श्री निदित पवार के यूके से इंटरनेशनल बिजनेस मैनेजमेंट का कोर्स करने के लिए राज्य शासन द्वारा 40 लाख 77 हजार रूपये की फीस जमा कराई गई है। महू के श्री पुष्कर मसानी ऑस्ट्रेलिया से प्रोजेक्ट मैनेजमेंट इंजीनियरिंग का कोर्स कर रहे हैं, जिसकी 55 लाख 48 हजार रूपए की फीस राज्य शासन ने जमा की है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान से उमरिया की कीर्ति सिंह चौहान ने पूछा कि – “हमें पढ़ाई के साथ अपने कॅरियर की भी चिंता रहती है। हम नौकरी या स्व-रोजगार करना चाहते हैं। इसके लिए शासन हमें कैसे सहायता दे सकता है। साथ ही कौशल विकास के लिए राज्य शासन की क्या योजनाएँ हैं।” इस पर

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि “वास्तविकता यह है कि सरकारी नौकरियों की अपनी सीमाएँ हैं। सभी को सरकारी नौकरी से रोजगार नहीं दिया जा सकता। राज्य सरकार स्व-रोजगार के लिए युवाओं को हर संभव सहायता उपलब्ध करा रही है। इस दिशा में मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना आरंभ की गई है, जो रोजगार उपलब्ध कराने के लिए क्रांतिकारी योजना है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में भी व्यापार आरंभ करने के लिए सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।” मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि -“प्रदेश के युवाओं के कौशल उन्नयन के लिए भोपाल में अंतरराष्ट्रीय स्तर का ग्लोबल स्किल पार्क बनाया जा रहा है। स्टार्ट-अप नीति 2022 के मुख्य बिंदुओं की जानकारी भी युवाओं को दी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हमें अपने विचारों और अपने सपनों को मरने नहीं देना है। रोजगार प्राप्त करने और आत्म-निर्भर बनने के अनेक अवसर हैं। राज्य सरकार युवाओं को हर संभव सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान से रीवा की अंजली शर्मा ने पूछा के “छात्राओं को छात्रों की तरह अधिकार कब मिलेंगे। अंजलि ने बताया कि वे – संगीत की छात्रा हैं, उनका चयन राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए हुआ था, परंतु माता-पिता ने उन्हें प्रतियोगिता में शामिल नहीं होने दिया।”

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अंजली के प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि “आवश्यक यह है कि माता-पिता, बच्चों पर अपनी इच्छाएँ नहीं थोपें। बच्चों की जो नैसर्गिक प्रतिभा है, उस दिशा में बच्चों को बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।” मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि समाज में बेटा- बेटी के बीच अंतर करने का भाव रचा-बसा था। राज्य शासन बेटियों को अधिकार संपन्न बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। इस दिशा में लाड़ली लक्ष्मी योजना के साथ बेटियों के स्कूल जाने पर विभिन्न सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं। विवाह में सहायता और महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए भी योजनाएँ संचालित हैं।

मुख्यमंत्री श्री चौहान से बुधनी की निधि सिंह ने पूछा कि – “कोरोना महामारी में आपने तनाव से दूर रहने के लिए क्या किया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में शारीरिक शिक्षा तथा योग और ध्यान को विशेष रूप से सम्मिलित किया गया है। यह हमारे जीवन को किस तरह प्रभावित करेगा।”

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि “जहाँ चाह होती है वहाँ राह को निकलना पड़ता है। कोरोना वायरस की लहर में स्थिति भयानक थी। लेकिन सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों, मेडिकल स्टाफ, पुलिस के जवान, स्थानीय निकाय, जन-प्रतिनिधि, धर्मगुरु, समाजसेवी और युवा वर्ग ने मिलकर मेहनत की। प्रदेश में जनता की भागीदारी ने चमत्कार किया। क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप के माध्यम से कोरोना को नियंत्रित करने का हमारा प्रयोग सफल रहा। “मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि “योग और ध्यान में तनाव का सामना करने की सामर्थ्य विकसित करने की क्षमता विद्यमान है। गीता अद्भुत ग्रंथ है। यह कर्म करने और फल की चिंता नहीं करने का संदेश देती है। इस ज्ञान को आत्मसात कर निरंतर प्रयास करने से जीवन में सकारात्मकता बनी रहती है।”

मुख्यमंत्री श्री चौहान से ग्वालियर की कु.आस्था तोमर ने पूछा कि – “सामाजिक सरोकार से जुड़ते हुए, विद्यार्थी अपना मार्ग कैसे चुन सकते हैं?”

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने फिल्म के गीत “अपने लिए जिए तो क्या जिए, तू जी ए दिल जमाने के लिए” पंक्तियों का उल्लेख करते हुए कहा कि – “दूसरों का दर्द, दूसरों की पीड़ा हम अनुभव कर सकें और संकट में औरों के काम आ सकें, लोगों के चेहरे पर मुस्कुराहट ला सकें, तभी हमारा जीवन सार्थक है। सामाजिक सरोकारों के लिए सजग रहते हुए समाज-सेवा का कोई अवसर हमें नहीं छोड़ना चाहिए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने विद्यार्थियों से अपील की कि कॅरियर के साथ-साथ समाज-सेवा के लिए अपनी रुचि का कोई क्षेत्र अवश्य चुने और नियमित रूप से समाज-सेवा का कार्य करें। कॅरियर सफलता देगा और समाज-सेवा जीवन को सार्थकता और संतुष्टि प्रदान करेगी।

मुख्यमंत्री श्री चौहान से विद्यार्थियों की ओर से प्रश्न पूछा गया कि -“राज्य सरकार द्वारा ऐसे क्या प्रयास किए जा रहे हैं जिनसे युवाओं की रुचि आधुनिक कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन और मत्स्य-पालन के क्षेत्र में बढ़ाई जा सके और कृषि के क्षेत्र में लाभ के अवसर बढ़ सकें?”

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि “राज्य सरकार कृषि के उत्पादन, भंडारण, विविधीकरण, सिंचाई सुविधा के विस्तार और खाद्य प्र-संस्करण को वैश्विक मांग के अनुसार बनाने की दिशा में निरंतर सक्रिय है। प्रदेश में हो रहे कृषि उत्पादों का वैल्यू एडिशन कर उन्हें अन्य देशों में भेजने के लिए उनकी बेहतर पैकेजिंग, मार्केटिंग आदि की दिशा में विशेष रूप से कार्य किया जा रहा है।” मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि “कृषि के विविधीकरण के अंतर्गत औषधीय और सुगंधित पौधों की खेती फल, फूल, सब्जी और मसालों की खेती को प्रोत्साहन देने के लिए राज्य शासन द्वारा विभिन्न अनुदान योजनाएँ संचालित की जा रही हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि युवा, यदि खेती-किसानी में अपना कॅरियर बनाना चाहते हैं तो बिना किसी संकोच या भय के आगे बढ़ें। राज्य सरकार हर कदम पर उनके साथ है।”

मुख्यमंत्री श्री चौहान से प्रदेश में सौर ऊर्जा की प्रगति और ग्रीन एनर्जी के लिए राज्य शासन द्वारा किए जा रहे प्रयासों के संबंध में प्रश्न किया गया?

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने ग्लास्गो में आयोजित जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में विश्व को पंचामृत का मंत्र दिया, जिसमें वर्ष 2030 तक कार्बन उत्सर्जन में 45 प्रतिशत से अधिक की कमी और वर्ष 2070 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करना मुख्य है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जलवायु परिवर्तन धरती के सामने बड़ा खतरा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि वर्ष 2030 तक मध्यप्रदेश इस स्थिति में होगा कि अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं का 50 प्रतिशत नवकरणीय ऊर्जा से प्राप्त करेगा। प्रदेश में नवकरणीय ऊर्जा की स्थापित क्षमता 5,400 मेगावाट तक पहुँच गई है। वर्ष 2030 तक हम इसे 25 हजार मेगावाट तक ले जाएंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने विद्यार्थियों को रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर परियोजना, ओंकारेश्वर में विश्व की सबसे बड़ी 600 मेगावाट क्षमता की सोलर फ्लोटिंग परियोजना और आगर, नीमच, शाजापुर जिलों में जारी सौर ऊर्जा परियोजना की जानकारी दी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि ग्रीन एनर्जी पर हमारा विशेष फोकस है। सौर ऊर्जा के भंडारण की दिशा में भी कार्य जारी है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान से इंदौर के आराध्य तागड़े ने पूछा कि – “इंदौर को स्वच्छता के क्षेत्र में हमेशा प्रथम पुरस्कार मिला है। प्रदेश को स्वच्छता में देश में अग्रणी बनाने के लिए आप क्या प्रयास कर रहे हैं।” छात्र ने यह भी जानना चाहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान प्रतिदिन एक पौधा लगाते हैं, इसका क्या उद्देश्य है और पौध-रोपण में विद्यार्थी किस प्रकार सहयोग कर सकते हैं।”

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बड़ी प्रसन्नता से उत्तर देते हुए कहा कि “इंदौर के लोगों ने स्वच्छता को अपनी आदत बना लिया है। स्वच्छता का काम केवल सरकार नहीं कर सकती, इसके लिए जनता को भी आगे आना होगा। प्रदेश में स्वच्छता को जन-आंदोलन बनाने के लिए हर स्तर पर कार्य जारी है। गौरव दिवस के आयोजन में भी स्वच्छता को सम्मिलित किया गया है।”

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पौध-रोपण के संबंध में कहा कि “पर्यावरण की रक्षा के लिए 19 फरवरी 2021 को उन्होंने प्रतिदिन एक पौधा लगाने का संकल्प लिया था। धरती आने वाली पीढ़ियों के रहने योग्य बनी रहे, इसलिए वृक्षारोपण जरूरी है। इसमें जनता की भागीदारी के लिए अंकुर अभियान चलाया गया है। अभियान में अब तक 16 लाख से अधिक पौधे लगाए जा चुके हैं। आम नागरिकों का पौध-रोपण में दिया गया छोटा सा योगदान आने वाली पीढ़ियों के लिए वरदान सिद्ध होगा।

मुख्यमंत्री श्री चौहान से शिवपुरी के श्री संदीप शर्मा ने पूछा कि – “विश्व के अनाज बाजार में बढ़ती मांग के अवसर का लाभ उठाने के लिए प्रदेश सरकार क्या प्रयास कर रही है ? मध्यप्रदेश किन देशों में अपने उत्पाद का निर्यात करता है ?

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि “वर्तमान में रूस और यूक्रेन के मध्य हो रहे युद्ध के कारण अनेक देशों में खाद्यान्न की उपलब्धता की समस्या एक बड़ी चुनौती बन गई है। प्रदेश का सोने जैसे दानों वाला गेहूँ अपनी किस्म और गुणवत्ता के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। यह गेहूँ अमेरिका सहित संयुक्त अरब अमीरात, बांग्लादेश, जार्डन आदि अनेक देशों में निर्यात होता है। साथ ही बासमती चावल की मांग कनाडा और अमेरिका में बहुत अधिक है। प्रदेश ने इस वर्ष 40 हजार करोड़ का निर्यात किया है। राज्य शासन द्वारा इजिप्ट, टर्की, अल्जीरिया, नाइजीरिया और तंजानिया आदि देशों के बाजारों तक पहुँच बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य सरकार ने गेहूँ के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए निर्यातकों को मंडी टेक्स की प्रतिपूर्ति करने का निर्णय लिया है।”

मुख्यमंत्री श्री चौहान से भोपाल की राजेश्वरी आंजना ने पूछा कि – “आप हर क्षेत्र में सक्रिय और अत्यंत व्यस्त रहते हैं। फिर भी हमेशा पॉजिटिव और फिट कैसे रहते हैं ? हम आपकी तरह कैसे बन सकते हैं, कृपया इस पर भी प्रकाश डालें ?”

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि “जीवन का मूल मंत्र है, स्वस्थ शरीर और शांत मन। प्रातः पैदल चलना, योग करना, मेडिटेशन करना और पौध-रोपण मेरे जीवन का अभिन्न अंग है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने विस्तार से अपनी दिनचर्या बताते हुए कहा कि नियमित व अनुशासित दिनचर्या, सदा सकारात्मक बने रहना और सहयोगी भाव बनाए रखना आवश्यक है।”

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रतिभाशाली विद्यार्थियों का सम्मान किया। इसके अंतर्गत शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय रतलाम के श्री यशवंत परमार, शासकीय महाविद्यालय बड़वाह इंदौर की दीपमाला शर्मा, शासकीय हमीदिया कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय के श्री अरविंद परिहार, हरदा के श्री विशाल चौहान, जबलपुर की कु. वंदना मरकाम, ग्वालियर की कु. श्रुति शर्मा, भिण्ड के श्री हेमंत कुमार, सागर के श्री हेमंत सिंह ठाकुर, शहडोल की कु. उषा सिंह और रीवा की कु. दीक्षा पांडे शामिल हैं।

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान के नेतृत्व में राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश में सबसे पहले मध्यप्रदेश में लागू की गई है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में राज्य में हुए नवाचार देश के अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय हैं। नीति में विद्यार्थियों को अपनी अभिरूचि के आधार पर व्यवसायिक और कौशल संवर्धन संबंधी पाठ्यक्रमों में प्रवेश मिल सकेगा, जिससे प्रदेश के युवा आत्म-निर्भरता के मार्ग पर अग्रसर हो सकेंगे। आज के कार्यक्रम से प्रदेश के 24 लाख से अधिक युवा जुड़े हैं। इस संवाद से युवा शक्ति में नई ऊर्जा का संचार होगा। डॉ. मोहन यादव ने कोरोना काल में शिक्षा व्यवस्था, परीक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने और शैक्षणिक सत्र को लागू करने में मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा किए गए प्रयासों का अभिवादन किया। डॉ. यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान की पहल से ही प्रदेश के महाविद्यालयों के लिए स्वयं का भवन बनाने की दिशा में विशेष प्रगति हुई है। अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा श्री शैलेन्द्र सिंह ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने विद्यार्थियों को रोजगार और व्यक्तित्व विकास के लिए विवेकानंद कॅरियर मार्गदर्शन योजना का रिमोट बटन दबाकर उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने डिजीलॉकर का शुभारंभ भी किया। कार्यक्रम में दोनों विषयों की जानकारी देती लघु फिल्में प्रदर्शित की गईं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की पुस्तिका “नई शिक्षा- नई ऊड़ान” और स्वामी विवेकान्द कॅरियर मार्गदर्शन योजना की पत्रिका “उत्कर्ष” का विमोचन भी किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा प्रतिभाशाली विद्यार्थियों का सम्मान किया गया। विभिन्न विश्वविद्यालयों के इंक्यूबेशन सेंटर से स्टार्ट-अप को प्रोत्साहित करने के लिए सीड मनी का वितरण भी किया गया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कार्यक्रम स्थल पर लगी प्रदर्शनी का शुभारंभ भी किया। प्रदर्शनी में प्रदेश के विश्वविद्यालयों के 18 स्टॉल तथा विद्यार्थियों के नवाचार प्रदर्शित किए गए।

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