यूक्रेन की रक्षा में मदद के लिए नहीं जाएंगे अमेरिकी सैनिक, राष्ट्रपति ट्रंप ने दिया आश्वासन

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यूक्रेन की रक्षा में मदद के लिए नहीं जाएंगे अमेरिकी सैनिक, राष्ट्रपति ट्रंप ने दिया आश्वासन

मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को आश्वासन दिया कि रूस के खिलाफ यूक्रेन की रक्षा में मदद के लिए अमेरिकी सैनिक नहीं भेजे जाएंगे। ट्रंप का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब एक दिन पहले उन्होंने इस संभावना से इनकार नहीं किया था। ट्रंप ने एक साक्षात्कार में यह भी कहा कि यूक्रेन का नाटो में शामिल होना और रूस से क्रीमिया प्रायद्वीप को वापस लेना नामुमकिन है। राष्ट्रपति ट्रंप ने सोमवार को व्हाइट हाउस में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं से घंटों बातचीत की। इस दौरान यूक्रेन की सुरक्षा को लेकर बातचीत हुई। जब उनसे पत्रकारों ने पूछा कि क्या अमेरिका, यूरोप के साथ मिलकर यूक्रेन की रक्षा के लिए सैनिक भेजेगा, तो उन्होंने उस समय अमेरिकी सैनिक भेजने की संभावना से इन्कार नहीं किया। पिछले सप्ताह, अलास्का में ट्रंप ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की थी। इसके बाद, उन्होंने कहा था कि पुतिन यूक्रेन के लिए सुरक्षा गारंटी पर बात करने के लिए तैयार हैं। लेकिन मंगलवार को एक कार्यक्रम में जब उनसे पूछा गया कि क्या वे वादा कर सकते हैं कि अमेरिकी सैनिक यूक्रेन की सीमा पर नहीं भेजे जाएंगे, तो ट्रंप ने जवाब दिया, ‘ठीक है, मैं आपको आश्वासन देता हूं और मैं राष्ट्रपति हूं।

मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, हालांकि, जनवरी 2029 में ट्रंप का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा, उसके बाद अमेरिकी सेना पर उनका कोई अधिकार नहीं रहेगा। ट्रंप ने साक्षात्कार में यह भी कहा कि वे रूस के साथ युद्ध रोकने के लिए कोई समझौता करना चाहते हैं। लेकिन उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यूक्रेन को क्रीमिया वापस लेने की उम्मीद छोड़नी होगी, जिस पर रूस ने 2014 में कब्जा कर लिया था। साथ ही नाटो सैन्य गठबंधन में शामिल होने की अपनी लंबे समय से चली आ रही आकांक्षाओं को भी त्यागना होगा। ट्रंप ने कहा कि ये दोनों ही चीजें असंभव हैं। उधर, पुतिन भी चाहते हैं कि किसी भी समझौते में यूक्रेन अपनी सेना को डोनेट्स्क और लुहांस्क से हटाए और क्रीमिया को आधिकारिक तौर पर रूस का हिस्सा मान ले। उन्होंने कहा कि सब ठीक रहा तो त्रिपक्षीय (पुतिन-ट्रंप-जेलेंस्की) वार्ता होगी। उन्होंने कहा कि पुतिन और जेलेंस्की के बीच आमने-सामने की बैठक की तैयारी शुरू कर दी गई है। जबकि जर्मन चांसलर ने ट्रंप को इस बात का श्रेय दिया कि उन्होंने रूसी राष्ट्रपति को अपने यूक्रेनी समकक्ष के साथ बैठक के लिए राजी किया। यह मुलाकात अगले दो हफ्ते में हो सकती है। इधर, यूक्रेन के मुद्दे पर नाटो की बुधवार को बैठक होगी। नाटो अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। व्हाइट हाउस के ओवल आफिस में जेलेंस्की के साथ वार्ता के बाद ट्रंप ने पुतिन से फोन पर बात की और मास्को व कीव के बीच सीधी वार्ता जारी रखने को लेकर प्रतिबद्धता जताई गई। रूसी राष्ट्रपति भवन क्रेमलिन ने बताया कि दोनों नेताओं के बीच करीब 40 मिनट बातचीत हुई। ट्रंप ने पुतिन को जेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं के साथ बातचीत के बारे में जानकारी दी। जबकि रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने मंगलवार को कहा, ‘मॉस्को ने यूक्रेन में शांति प्रक्रिया पर चर्चा के लिए किसी भी प्रारूप को अस्वीकार नहीं किया है, लेकिन राष्ट्रीय नेताओं के बीच किसी भी बैठक की तैयारी बेहद सावधानी के साथ होनी चाहिए।’ गत शुक्रवार को अलास्का में ट्रंप और पुतिन के बीच वार्ता हुई थी। इसके बाद सोमवार को जेलेंस्की और यूरोपीय नेता व्हाइट हाउस पहुंचे थे। वाशिंगटन में ट्रंप और जेलेंस्की की वार्ता के कुछ घंटे बाद बीती रात रूस ने मध्य यूक्रेन के क्रेमेनचुक शहर पर बमबारी की। यूक्रेन में कई अन्य स्थानों पर भी हमले किए गए। क्रेमेनचुक के मेयर ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति शांति नहीं चाहते हैं। यूक्रेनी वायुसेना के अनुसार, मास्को ने 270 ड्रोन और 10 मिसाइलों से हमला किया। उसने 230 ड्रोन को मार गिराया। 16 स्थानों को निशाना बनाया गया।

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