मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पिछले कुछ दिनों से ठंड में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। विशेष रूप से पिछले तीन दिनों में न्यूनतम तापमान में छह डिग्री से ज्यादा की गिरावट आई है, जिससे ठंड और गलन का असर और भी अधिक महसूस हो रहा है। मौसम विभाग के अनुसार, यह तापमान सामान्य से सात डिग्री कम है, और अगले तीन से चार दिनों में सर्दी और बढ़ने के संकेत हैं। गुरुवार को अधिकतम तापमान 26.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो बुधवार के मुकाबले 1.3 डिग्री अधिक था, लेकिन यह सामान्य से एक डिग्री ज्यादा है। वहीं, न्यूनतम तापमान सात डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से सात डिग्री कम था। इस गिरावट के कारण रात को अधिक ठंड और गलन महसूस हो रही है। उत्तराखंड में हुई बर्फबारी का असर अब प्रयागराज पर भी दिखाई दे रहा है। मंगलवार से तापमान में गिरावट की शुरुआत हुई और बुधवार को न्यूनतम तापमान आठ डिग्री सेल्सियस था, जबकि गुरुवार को यह और एक डिग्री लुढ़ककर सात डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, मौसम विभाग के अनुसार, 20 दिसंबर के बाद अधिकतम तापमान में तेज गिरावट आ सकती है, जिससे अधिकतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के वायुमंडलीय एवं समुद्र अध्ययन केंद्र के प्रमुख प्रो. सुनीत द्विवेदी ने बताया कि तापमान में गिरावट का यह दौर अभी जारी रहेगा, और अगले कुछ दिनों में ठंड और सर्दी में इजाफा होने की संभावना है। इस बदलते मौसम के साथ स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों से विशेष सावधानी बरतने की अपील की है। ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े पहनना, ताजे गर्म पानी का सेवन करना और बाहर जाने से पहले मौसम का अनुमान लेना अत्यंत आवश्यक होगा। वहीं वाराणसी में सुबह से हुई प्रखर धूप दोपहर ढलते ही नरम पड़ गई। बर्फीली पछुआ हवा की गति बढ़ी तो गलन ने अपना रूप दिखाना आरंभ किया। शाम होते ही इसमें तेजी आई और ऊनी वस्त्रों की गरम तहों को भेदकर गलन पसलियों तक सिहराने लगी। बुधवार को प्रखर धूप के के चलते दोपहर तक अधिकतम तापमान तो लगभग स्थिर रहा लेकिन शाम होते ही न्यूनतम तापमान लगभग तीन डिग्री सेल्सियस लुढ़क कर सामान्य से 2.2 डिग्री सेल्सियस नीचे 9.3 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। इससे शाम होते ही बर्फीली हवा के प्रभाव से गलन हड्डियों तक जा पहुंची। रात में शीत के प्रभाव से ठंड काफी बढ़ गई। बीएचयू के मौसम विज्ञानी प्रो. मनोज कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि पश्चिम में वर्षा के चलते पछ़ुआ हवा में नमी बढ़ गई है। हवा की गति बढ़ने से ठंड का प्रभाव भी बढ़ गया है। गुरुवार को भी मौसम ऐसा ही रहेगा। सुबह हल्की धुंध रह सकती है लेकिन बाद में धूप खिल उठेगी, दोपहर बाद फिर ठंड तेज हो जाएगी। इसी तरह धीरे-धीरे तापमान अभी कम होता जाएगा, फिलहाल अचानक किसी तीव्र परिवर्तन के लक्षण नहीं हैं। वहीं चिकित्सकों का कहना है कि दिन में तेज धूप, शाम के बाद तीव्र होती गलन से 24 घंटे में ही दो तरह का वातावरण बन रहा है, इसमें सावधान रहने की आवश्यकता है। इस मौसम में थोड़ी सी भी असावधानी से ठंड लग सकती है।
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