मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार को रामलिंगम हत्या मामले के सिलसिले में तमिलनाडु में नौ स्थानों पर तलाशी ली। अधिकारियों ने बताया कि कुछ संदिग्धों के खिलाफ मिली जानकारी के आधार पर डिंडीगुल में आठ स्थानों और तेनकाशी जिले में एक स्थान पर छापेमारी अभी भी जारी है। यह मामला मूल रूप से स्थानीय पुलिस द्वारा तब दर्ज किया गया था जब प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के सदस्यों ने फरवरी 2019 में तमिलनाडु के तंजावुर जिले में रामलिंगम की हत्या कर दी थी, क्योंकि उन्होंने उनके जबरन धर्म परिवर्तन के प्रयासों का विरोध किया था।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस वर्ष मई में एनआईए ने मोहम्मद अली जिन्ना नामक एक आरोपी के खिलाफ रामलिंगम हत्या मामले में घोषित अपराधियों को छह साल तक शरण देने के आरोप में आरोपपत्र दाखिल किया। मार्च 2019 में मामले को अपने हाथ में लेने वाली एनआईए ने अगस्त 2019 में 18 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था, जिनमें से छह फरार थे और उन्हें घोषित अपराधी (पीओ) घोषित किया गया था। एजेंसी को जाँच के दौरान पता चला कि मोहम्मद अली जिन्ना ने इन सभी को एक झोपड़ी में पनाह दी थी। जिन्ना को नवंबर 2024 में गिरफ्तार किया गया था, जबकि तीन फरार अपराधियों को 2021 से जनवरी 2025 के बीच अलग-अलग मौकों पर गिरफ्तार किया गया था। बाकी तीन फरार अपराधियों की तलाश जारी है, जिनकी गिरफ्तारी में मददगार सूचना देने पर 5-5 लाख रुपये का इनाम रखा गया है।
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