राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने आज निरंतर अनुसंधान, वैज्ञानिक प्रमाणीकरण और तकनीकी मानकों के गुणात्मक मानदंडों के माध्यम से आयुर्वेद को लोकप्रिय बनाने का आह्वान किया। राष्ट्रपति ने आज उज्जैन की कालीदास संस्कृत अकादमी में अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन की 59वीं आमसभा के आरंभिक सत्र को संबोधित किया। राष्ट्रपति ने लगभग 20 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित शासकीय धनवंतरी आयुर्वेद महाविद्यालय के नवनिर्मित भवन का भी लोकार्पण किया । राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि सरकार भारतीय चिकित्सा पद्धति के संरक्षण और संवर्धन के लिए समय-समय पर कई उपाय कर रही है, लेकिन वर्ष 2014 में एक अलग आयुष मंत्रालय की स्थापना के बाद इस काम में और तेजी आई है। राष्ट्रपति ने कहा कि इन समन्वित प्रयासों का ही परिणाम है कि मॉरीशस समेत दुनिया के करीब 20 देशों में आयुर्वेद पर शोध हो रहा है। आयुर्वेद के महत्व को समझाते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि भारत गांवों का देश है और गांव में पारंपरिक चिकित्सा पद्धति आज भी आयुर्वेद की है। इसकी जगह अभी तक किसी भी चिकित्सा प्रणाली ने नहीं ली है। मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी सम्मेलन को संबोधित किया। राष्ट्रपति ने उज्जैन में महाकाल मंदिर परिसर में चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा की। कार्यक्रम में प्रख्यात वैद्य देवेंद्र त्रिगुणा को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया।
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