मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को कहा कि शिक्षा सामाजिक पुर्नगठन का अत्यधिक प्रभावशाली माध्यम है। अहमदाबाद में गुजरात विद्यापीठ के 71वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि भारत को आत्मनिर्भर बनाना हमारी राष्ट्रीय प्राथमिकता है। उन्होंने विद्यार्थियों से राष्ट्रीय स्वदेशी अभियान में सक्रिय भूमिका निभाने का आग्रह किया। राष्ट्रपति ने स्वाधीनता संग्राम के बाद विद्यार्थियों में आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित करने और स्वदेशी मूल्यों को बढ़ावा देने में इस संस्थान की सुदृढ़ विरासत की सराहना की।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, राष्ट्र निर्माण में युवाओं की मुख्य भूमिका का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने स्वदेशी और राष्ट्रव्यापी आत्मनिर्भरता आंदोलन के पथ प्रदर्शक के रूप में गुजरात विद्यापीठ के विद्यार्थियों की प्रशंसा की। उन्होंने स्नातक विद्यार्थियों को बाहरी चुनौतियों से हतोत्साहित नहीं बल्कि साहस, उच्च आदर्श और वैश्विक दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ने का आग्रह किया। इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नौ असाधारण विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए। वहीं राष्ट्रपति ने इस दीक्षांत समारोह में पीएचडी, एम.फिल, स्नातक, परास्नातक सहित विभिन्न विषयों पर कुल एक हजार सात सौ 13 डिग्रियां प्रदान की। राष्ट्रपति मुर्मू ने महात्मा गांधी की पावन स्मृति में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इससे पहले राष्ट्रपति ने द्वारकाधीश मंदिर में दर्शन और आरती की।
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