राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज कर्नाटक के मैसूरु में दशहरा उत्सव का उद्घाटन किया। उन्होंने चामुंडी हिल्स में देवी चामुंडेश्वरी की पूजा-अर्चना की और देशवासियों के कल्याण के लिए उनका आशीर्वाद लिया। राष्ट्रपति ने अपने भाषण की शुरूआत कन्नड़ में की और लोगों को शुभकामनाएं दी।
श्रीमती मुर्मू ने बाद में हिन्दी में संबोधित करते हुए कहा कि विजयदशमी महिषासुर पर देवी चामुंडेश्वरी की विजय का पर्व है। उन्होंने कहा कि यह त्योहार महिलाओं की शक्ति का भी प्रतीक है। श्रीमती मुर्मू ने औपनिवेशिक शक्तियों के साथ संघर्ष में रानी अब्बाक्का देवी तथा रानी चेन्नमा की, और हैदरअली के सैनिकों का मुकाबला करने वाली चित्रदुर्ग की ओंके ओबव्वा की भूमिका का स्मरण किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि संतों ने त्यौहारों के माध्यम से समाज को एकजुट किया है और रामायण तथा महाभारत जैसे धर्मग्रंथों ने लोगों का मार्गदर्शन किया है।
इस अवसर पर राज्यपाल थावरचंद गहलोत, मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी और शोभा करनदालजे भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री बोम्मई ने अपने संबोधन में कहा कि इस वर्ष दशहरा त्यौहार दो वर्षों के बाद बड़ी धूम-धाम से मनाया जा रहा है। पिछले दो वर्ष कोविड महामारी के कारण यह त्यौहार नहीं मनाया जा सका था। उन्होंने दशहरा पर्व के उद्घाटन के लिए आमंत्रण स्वीकार करने के लिए राष्ट्रपति का आभार व्यक्त किया।
उद्घाटन समारोह के बाद राष्ट्रपति हुब्बल्ली के लिए रवाना हो गईं। वे धारवाड़ में भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान के नए कैंपस का उद्घाटन करेंगी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू कल बैंगलुरु में हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड की एकीकृत क्रायोजेनिक ईंजन निर्माण संयंत्र का शुभारंभ करेंगी। वे वर्चुअल माध्यम से क्षेत्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान का शिलान्यास भी करेंगी। राष्ट्रपति मुर्मू सैंट जोसेफ विश्वविद्यालय का उद्घाटन करेंगी। बुधवार को उनका वापस दिल्ली आने का कार्यक्रम है।
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