राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने आज उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर में संत कबीर अकादमी और अनुसंधान केन्द्र का उद्घाटन किया। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि संत कबीर का जीवन मानवीय गुणों का प्रतिमान हैं और उनकी शिक्षा आज छह सौ पचास वर्ष बाद भी प्रासंगिक है। उन्होंने कबीर के जीवन को सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक बताया।
राष्ट्रपति ने कहा कि कबीर ने समाज के पिछडे वर्गों के प्रति सद्भाव ही मनुष्यता की सच्ची सेवा है। उन्होंने कहा कि कबीर ने औपचारिक शिक्षा प्राप्त नहीं की लेकिन संतों की संगति में उन्होंने अपने अनुभवों से ज्ञान प्राप्त किया। उन्होंने कहा कि कबीर के संदेशो ने बिखरे समाज के हृदय को आंदोलित किया।
श्री कोविंद ने कहा कि कबीर ने उस समय प्रेम, समर्पण और सौहार्द का संदेश दिया जब भारत विदेशी हमलावरों से आक्रांत था। उन्होंने यह भी कहा कि कबीर ने स्थानीय बोली में सीधे लोगों से संवाद किया। राष्ट्रपति ने कहा कि जब समाज जात-पात और धर्म के नाम पर बंटा था उस समय समाज को जागरूक करना जरूरी था। कबीर की आस्था थी कि ईश्वर मनुष्य में ही बसते हैं। इससे पहले, राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने संत कबीर नगर के मगहर में भक्ति आंदोलन के महान कवि संत कबीर के समाधि स्थल पर श्रद्धांजलि अर्पित की। राष्ट्रपति ने उनकी मज़ार पर भी चादर चढ़ाई और कबीर चौरा धाम परिसर में पौधा लगाया। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी राष्ट्रपति के साथ थे। राष्ट्रपति आज वाराणसी जाएंगे और शाम को काशी विश्वनाथ धाम में प्रार्थना करेंगे। श्री कोविंद आज शाम लखनऊ के लिए रवाना हो जाएंगे। अपनी उत्तरप्रदेश यात्रा के अंतिम दिन कल वे लखनऊ में राज्य विधानसभा के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे।
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