राष्ट्रीय विधि संस्थान विश्वविद्यालय ने बढ़ाया प्रदेश का गौरव : सीएम शिवराज

0
204

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि वकील, विधि और व्यवस्था के रक्षक हैं। कानून का राज ठीक चले, लोगों के अधिकारों की रक्षा हो और गरीब को न्याय मिले यह सुनिश्चित करना विधि के विद्यार्थियों का कर्त्तव्य और दायित्व भी है। वकील स्वयं को अपनी प्रेक्टिस तक सीमित न करते हुए देश और समाज को दिशा देने का कार्य भी करें। इन कार्यों से ही हमारा जीवन सार्थक होगा। अपने जीवन को अर्थपूर्ण और उद्देश्यपरक बनाना, स्वयं के लिए और समाज एवं राष्ट्र के लिए भी आवश्यक है।

मुख्यमंत्री राष्ट्रीय विधि संस्थान विश्वविद्यालय भोपाल के रजत जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने राष्ट्रगान के बाद दीप प्रज्ज्वलित कर समारोह का शुभारंभ किया। इससे पहले संस्थान की रजत जयंती पर मुख्यमंत्री श्री चौहान के नेतृत्व में 25 पौधे लगाए गए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय विधि संस्थान विश्वविद्यालय ने मध्यप्रदेश का गौरव बढ़ाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्थान देश में विधि क्षेत्र में विशिष्ट स्थान बनाए, इसके लिए राज्य शासन हर संभव सहयोग प्रदान करने के लिए सदैव तत्पर है। संस्थान की गौरवशाली परम्परा रही है। देश और दुनिया में संस्थान का सम्मान स्थापित रहे और उसका विस्तार हो, यह हम सबका प्रयास होना चाहिए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सभी विद्यार्थियों को अपने जन्म-दिवस और जीवन के महत्वपूर्ण अवसरों पर पौध-रोपण के लिए प्रेरित किया।

स्टेट बार काउंसिल के अध्यक्ष श्री विजय चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने वकील पंचायत कर देश में नवाचार किया है। प्रदेश के 205 न्यायालयों में कम्प्यूटराइजेशन की प्रक्रिया आरंभ कर न्यायालयीन प्रक्रियाओं को व्यवस्थित करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रयास किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान की समस्याओं को सुलझाने की स्वयंस्फूर्त प्रवृत्ति अद्भुत है। ऐसे सहृदय, कर्मठ व्यक्तित्व द्वारा संस्थान के रजत जयंती समारोह का शुभारंभ करना संस्थान का सौभाग्य है।

वाइस चांसलर प्रोफेसर वी. विजयकुमार ने कहा कि रजत जयंती समारोह में पूरे एक वर्ष तक विभिन्न गतिविधियाँ चलाई जाएंगी। राष्ट्रगान की धुन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार श्री गय्यूर आलम सहित बड़ी संख्या में संस्थान के विद्यार्थी उपस्थित रहे।

courtesy mpinfo

Google search engine

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here