मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि पिछले 10 वर्ष में उनकी सरकार द्वारा लागू किए जा रहे रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के मंत्र के कारण दुनिया अब भारत के सामरिक महत्व को स्वीकार कर रही है। प्रधानमंत्री ने जर्मनी के स्टटगार्ट में एक मीडिया हाउस द्वारा आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही। कार्यक्रम का विषय था ‘भारत-जर्मनी: सतत विकास की रूपरेखा।’
श्री मोदी ने कहा कि भारत विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है और हर देश विकास के लिए भारत के साथ सहयोग करना चाहता है। श्री मोदी ने कहा कि जर्मनी का ‘फोकस ऑन इंडिया’ दस्तावेज इसका एक उदाहरण है और यह दर्शाता है कि विश्व किस तरह भारत के सामरिक महत्व को स्वीकार कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने हर क्षेत्र के लिए नई नीतियों की शुरुआत की है और 21वीं सदी में तेजी से विकास हासिल करने के लिए खुद को तैयार किया है।
श्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने सुगम व्यापार को बढ़ावा देने के लिए लालफीताशाही को खत्म किया है। उन्होंने कहा कि भारत ने विकास के लिए सस्ती पूंजी उपलब्ध कराने के लिए देश में बैंकिंग प्रणाली को मजबूत किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि विकसित भारत की भव्य इमारत खड़ी करने के लिए एक मजबूत आधारशिला रखी गई है। उन्होंने कहा कि जर्मनी भारत की विकास यात्रा में एक भरोसेमंद भागीदार होगा।
श्री मोदी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत और जर्मनी के बीच आपसी साझेदारी लगातार मजबूत हुई है। उन्होंने बताया कि भारत में एक हजार आठ सौ से अधिक जर्मन कंपनियां काम कर रही हैं और इन कंपनियों ने पिछले तीन-चार वर्षों में 15 अरब डॉलर का निवेश किया है। श्री मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार करीब 34 अरब डॉलर तक पहुंच गया है और आने वाले वर्षों में यह व्यापार और बढ़ेगा।
जर्मनी की विकास यात्रा में विनिर्माण और इंजीनियरिंग की महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि भारत भी विश्व का एक बड़ा विनिर्माण केंद्र बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने बताया कि भारत मेक इन इंडिया से जुड़े निर्माताओं को उत्पादन से जुड़ा प्रोत्साहन देता है।
उन्होंने कहा कि आज भारत मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में दुनिया के अग्रणी देशों में से एक है। श्री मोदी ने इस बात पर भी जोर दिया कि किसी भी देश के तेज विकास के लिए भौतिक, सामाजिक और डिजिटल बुनियादी ढांचे में निवेश बढ़ाना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि देश में इन तीनों मोर्चों पर बुनियादी ढांचे के निर्माण का काम तेजी से चल रहा है। उन्होंने जर्मन कंपनियों को भारत में अपना निवेश बढ़ाने के लिए आमंत्रित भी किया। उन्होंने उन लोगों को भी देश में आमंत्रित किया, जिनका अभी तक भारत में कोई आधार नहीं है।
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News & Image Source: newsonair.gov.in