रूस का सबसे खतरनाक ज्वालामुखी फटा, 10 KM की ऊंचाई तक राख ही राख

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पूर्वी रूस के कामचटका प्रायद्वीप में शिवलुच ज्वालामुखी के फटने से आसमान में आग की लपटें धधक रही हैं। मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पूरा आसमान लाल दिख रहा है। इसके साथ ही 10 किलोमीटर की ऊँचाई तक राख का ढेर फैल गया है। आसमान में राख की वजह से हवाई यातायात के लिए खतरा पैदा हो गया है। इससे रूस में विमान सेवा ठप पड़ सकती है। कामचटका ज्वालामुखी विस्फोट रिस्पॉन्स टीम ने विमान परिचालन के मद्देनजर रेड कोड का अलर्ट जारी किया है। ज्वालामुखी वेधशाला ने एविएशन नोटिस जारी करते हुए कहा है कि “बड़ा राख बादल” ज्वालामुखी विस्फोट स्थल से पश्चिम की ओर बढ़ रहा है। कामचटका ज्वालामुखी विस्फोट रिस्पॉन्स टीम ने कहा है कि 15 किलोमीटर की ऊंचाई में आसमान में राख का विस्फोट कभी भी हो सकता है। इससे अंतरराष्ट्रीय विमानों के परिचालन पर बुरा असर पड़ सकता है।

मीडिया की माने तो, रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे जंग के बीच अब एक और खतरा मंडरा रहा है। रूस के कामचाटका प्रायद्वीप में शिवलुच ज्वालामुखी के फटने से राख का ढेर लगभग 10 किलोमीटर की ऊंचाई तक नजर आया। इसे हवाई यातायात के लिए खतरा बताया जा रहा है। कामचाटका ज्वालामुखी विस्फोट प्रतिक्रिया टीम ने बताया कि ज्वालामुखी के फटने के बाद उड्डयन विभाग को चेतावनी जारी कर दी गई है। अंदाजा लगाया जा रहा है कि ज्वालामुखी में 15 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्फोट कभी भी हो सकता है। इससे कम उड़ान वाले विमान और अंतरराष्ट्रीय गतिविधियां प्रभावित हो सकती हैं।

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