रेलवे भर्ती बोर्ड गोरखपुर के पूर्व चेयरमैन के गांव पहुंची सीबीआई, घर खंगाला

0
30
रेलवे भर्ती बोर्ड गोरखपुर के पूर्व चेयरमैन के गांव पहुंची सीबीआई, घर खंगाला

मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पूर्वोत्तर रेलवे में वर्ष 2018-19 में सहायक लोको पायलटों (एएलपी) की भर्ती में फर्जीवाड़ा और धांधली की जांच करने गोरखपुर पहुंची सीबीआई की टीम रेलवे भर्ती बोर्ड गोरखपुर कार्यालय के पूर्व चेयरमैन के गांव कसिहरा, थाना खेसरहा, सिद्धार्थनगर भी पहुंची थी। घर को खंगालने के बाद टीम उनके पिता को गाड़ी में साथ लेकर चली आई। जानकारों का कहना है कि गोरखपुर पादरी बाजार स्थित निवास पर पूर्व चेयरमैन के नहीं मिलने पर सीबीआइ ने उनके पिता से भी पूछताछ की है। सीबीआई के पहुंचने पर पूर्व चेयरमैन घर से फरार हो गए थे। छापेमारी के क्रम में दूसरे दिन शुक्रवार को भी सीबीआइ टीम ने आरोपित रेलकर्मियों से पूछताछ की। बयान लेने के बाद टीम संबंधित अभिलेखों को अपने साथ लेकर लखनऊ रवाना हो गई। दो दिनों तक चली सीबीआई की छापेमारी में रेलवे भर्ती बोर्ड कार्यालय, कार्मिक तथा इंजीनियरिंग विभाग में हड़कंप मचा रहा। छापेमारी, कर्मचारियों और अधिकारियों के अलावा उनके गांव में भी चर्चा का विषय रहा। जानकारों का कहना है कि सीबीआई पूर्व चेयरमैन की संपत्ति और बैंक-बैलेंस को भी गहनता से खंगाल रही है। इसके लिए उनके गांव और गोरखपुर स्थित पादरी बाजार वाले घर को भी खंगाला गया है। संपत्ति और बैंक खातों को भी चेक किया जा रहा है। आरोप है कि रेलवे भर्ती बोर्ड के चेयरमैन रहते हुए उन्होंने नियुक्ति के नाम पर कर्मचारियों की मिलीभगत से मनमाने ढंग से धन उगाही की है। सीबीआई लखनऊ की टीम ने पूर्वोत्तर रेलवे के उप मुख्य सतर्कता अधिकारी (लेखा) जेए वैन्ड्रीन की शिकायत पर पांच अगस्त को ही धोखाधड़ी और अपने पद का दुरुपयोग कर धन उगाही के आरोप में रेलवे भर्ती बोर्ड गोरखपुर कार्यालय के पूर्व चेयरमैन समेत पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।

मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, सीबीआई ने रेलवे भर्ती बोर्ड गोरखपुर कार्यालय के पूर्व चेयरमैन पीके राय के अलावा इंजीनियरिंग विभाग में तकनीशियन विनय कुमार श्रीवास्तव, कार्मिक विभाग में कार्मिक सहायक वरुण राज मिश्रा, बाहरी व्यक्ति सूरज कुमार श्रीवास्तव और एक अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। मुकदमा दर्ज करने के बाद सीबीआइ की सात सदस्यी टीम सात अगस्त को गोरखपुर पहुंची और दिन भर में चार लोगों के यहां छापेमारी की। यद्यपि, उप मुख्य सतर्कता अधिकारी ने सात जनवरी 2025 को ही सीबीआइ से शिकायत कर मुकदमा दर्ज कर जांच के लिए आग्रह किया था। उप मुख्य सतर्कता अधिकारी का आरोप है कि अगस्त 2022 से कुछ सूचनाएं प्राप्त हुई कि रेलवे भर्ती बोर्ड कार्यालय गोरखपुर में अभ्यर्थियों से पैसे लिए जा रहे हैं और उनकी नियुक्ति जानबूझकर मामूली कारणों से रोक दी जाती है। कुछ सदस्य और निजी व्यक्ति अभ्यर्थियों को अस्वीकृति (रिजेक्शन) का डर दिखाकर उनसे तीन से पांच लाख रुपये की अलग-अलग राशि वसूलते हैं। अध्यक्ष सभी रिकार्ड (रोल नंबर, पंजीकरण नंबर आदि) अपने नियंत्रण में रखते हैं। कुछ दिनों बाद ऐसे अभ्यर्थियों को एजेंटों के फोन आते हैं, जो वाट्सएप काल के माध्यम से “सेटलमेंट” के लिए पैसे मांगते हैं। पैसे लेने के बाद उनका नाम “क्लियर” कर दिया जाता है और उनकी नियुक्ति हो जाती है। अभ्यर्थियों का भरोसा जीतने के लिए काल करने वाला कुछ भर्ती बोर्ड के कर्मचारियों के नाम बताता है, जिनसे अभ्यर्थी रेलवे भर्ती बोर्ड कार्यालय में मिल चुके होते हैं। इस लेन-देन के बाद अभ्यर्थियों के नाम पैनल में शामिल कर दिए जाते हैं। आगे यह भी जानकारी मिली है कि रेलवे भर्ती बोर्ड के कुछ कर्मचारी भी इसमें शामिल हैं। जांच के लिए एक रेड टीम गठित की गई थी। जांच विभिन्न श्रेणियों की भर्तियों से जुड़े तथ्यों, सूचनाओं, दस्तावेज़ों और अन्य संबंधित रिकॉर्ड के आधार पर की गई, जो रेलवे भर्ती बोर्ड, गोरखपुर द्वारा कराई गई थीं। जिसमें शिकायतें सही पाई गईं। उप मुख्य सतर्कता अधिकारी ने सीबीआइ से जांच रिपोर्ट के आधार पर उदाहरण स्वरूप फर्जीवाड़ा में शामिल अभ्यर्थियों के रोल नंबर और संबंधित रिकार्ड तथा संबंधित कर्मचारियों के नामों का भी उल्लेख किया है।

#dailyaawaz #newswebsite #news #newsupdate #hindinews #breakingnews #headlines #headline #newsblog #hindisamachar #latestnewsinhindi

Hindi news, हिंदी न्यूज़ , Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Breaking News in Hindi, ताजा ख़बरें

Google search engine

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here