लोकसभा ने केंद्रीय विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक, 2022 को पारित किया

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लोकसभा ने आज केंद्रीय विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक, 2022 को पारित कर दिया। इसमें केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम,  2009 को संशोधित करके विभिन्न राज्यों में केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित करने का प्रावधान किया गया है। शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लोकसभा में यह विधेयक प्रस्तुत किया। विधेयक में वडोदरा की डीम्ड यूनिवर्सिटी राष्ट्रीय रेल और परिवहन संस्थान को गति शक्ति विश्वविद्यालय में बदलने का प्रावधान किया गया है। यह केंद्रीय विश्वविद्यालय होगा। इसे रेल मंत्रालय के जरिए केंद्र सरकार प्रायोजित और वित्त पोषित करेगी। गति शक्ति विश्वविद्यालय परिवहन, प्रौद्योगिकी और प्रबंधन से संबंधित क्षेत्रों में उत्कृष्ट शिक्षण, अनुसंधान और कौशल विकास उपलब्ध कराने के उपाय करेगा। इससे परिवहन क्षेत्र में प्रशिक्षित प्रतिभा की आवश्यकता पूरी होगी।

एआईटीसी, कांग्रेस और डीएमके सहित विपक्षी दलों ने केंद्रीय एजेंसियों की छापेमारी के विरोध में विधेयक पर चर्चा का बहिष्कार किया। विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी जारी रहने के कारण आसन ने शाम चार बजे तक सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। चर्चा फिर शुरू होने पर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि दूरसंचार, इलेक्ट्रानिकी, सूचना प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में प्रतिभाओं के पलायन का भय दूर हुआ है और विद्यार्थी स्टार्ट-अप शुरू करने या इस तरह के उद्यमों में सहयोग करने के जरिए अपने कौशल का उपयोग करने के लिए स्वदेश लौट रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस संस्थान में चार प्रमुख पहलुओं – परिवहन, कौशल विकास, अनुप्रयुक्त अनुसंधान, प्रौद्योगिकी विकास और परिवहन आर्थिकी तथा अवसंरचना वित्त पोषण पर ध्यान दिया जाएगा। बीजू जनता दल, भाजपा, जेडीयू और जेकेएनसी के सदस्यों ने भी चर्चा में हिस्सा लिया।

courtesy newsonair

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