वन, वन्य-जीव संरक्षण और संवर्धन में अग्रणी है मध्यप्रदेश : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

0
3
Image Source: Social Media

मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध मध्यप्रदेश के वन और वन्य-जीव हमारी पहचान हैं। शासन इनके संरक्षण और संवर्धन के लिये संकल्पित है। राज्य सरकार द्वारा वनों के संरक्षण और संवर्धन के लिये की गई ईमानदार एवं प्रभावी पहल का परिणाम है कि वन आवरण में स्थायित्व आने के साथ ही वन्य-प्राणियों के प्रबंधन की दिशा में अनेक नवाचार किये जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि “वन विभाग’’ ग्रामीण अंचलों में विकास गतिविधियों का संचालन करने वाला एक प्रमुख संगठन है। विगत दो दशकों में वन प्रबंधन में काफी बदलाव आये हैं। वन संसाधनों पर जैविक दबाव बढ़ा है। उन्होंने कहा कि जनसंख्या वृद्धि के साथ वनोपज की आवश्यकता और उपलब्धता में अंतर बढ़ा है। वन क्षेत्रों में अवैध कटाई को कड़ाई से रोका जा रहा है। वनोपज की माँग और आपूर्ति के अंतर को कम करने के लिये विभागीय रोपण के साथ निजी वनीकरण को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वन तथा वन्य-जीवों के प्रति जागरूकता लाने के लिये वन महोत्सव, अनुभूति, वन्य-प्राणी और संरक्षण सप्ताह जैसे कार्यक्रमों का आयोजन कर प्रतिवर्ष लगभग 2 लाख लोगों को जोड़ा जा रहा है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ‘बफर-सफर’ योजना के तहत पर्यटकों के लिये अनेक नई गतिविधियाँ प्रारंभ की गयी हैं। प्रदेश के टाइगर रिजर्व के बफर क्षेत्रों में पर्यटक प्राकृतिक स्थलों, वन और वन्य-प्राणी दर्शन के साथ विभिन्न ईको-पर्यटन गतिविधियों का आनंद ले रहे हैं। ईको-पर्यटन से पर्यटक प्रदेश की ओर आकर्षित होंगे। इससे कोर क्षेत्र पर पर्यटन का दबाव भी कम होगा। डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में 15 हजार से अधिक वन समितियाँ गठित की गई हैं। इन समितियों की कार्य-प्रणाली को और अधिक गतिशील बनाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वन प्रबंधन में ग्रामीणों की सहभागिता को अधिक व्यावहारिक और पारदर्शी बनाने तथा संयुक्त वन प्रबंधन प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिये इसे कानूनी आधार देने की व्यवस्था की गई है। मध्यप्रदेश, देश का पहला राज्य है, जिसमें वनोपज से प्राप्त होने वाली शुद्ध आय प्राथमिक वनोपज समितियों को हस्तांतरित करने की पहल की गई है। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था से वनवासियों के हितों का संरक्षण हुआ है। वहीं गरीब वनवासियों का बिचौलियों द्वारा किये जाने वाले शोषण को भी रोका गया है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वनोपज की शुद्ध आय के एक अंश से आधारभूत संरचनाओं के निर्माण का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रदेश उन अग्रणी राज्यों में से एक है, जहाँ वनोपज का समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया है और वनवासियों को वनोपज का उचित मूल्य दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वनवासियों को वनोपज के प्र-संस्करण से भी जोड़ा गया है। इससे वनवासियों को संग्रहित वनोपज की गुणवत्ता के अनुसार मूल्य प्राप्त हो रहा है। साथ ही प्र-संस्करण से अतिरिक्त रोजगार भी मिल रहा है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के वन आवरण में 1063 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हुई है। मध्यप्रदेश नगर-वन योजना में देश में अग्रणी है। इस वर्ष 39 नगर-वन स्वीकृत किये गये हैं। उज्जैन, चित्रकूट, खजुराहो और भोपाल में सांस्कृतिक वनों की स्थापना की जा रही है। ई-प्रणाली के माध्यम से समस्त काष्ठागारों में वनोपज की नीलामी प्रारंभ की गयी है। वन विभाग द्वारा “एक पेड़ माँ के नाम’’ अभियान में लगभग 6.16 करोड़ पौधे रोपित किये गये हैं। प्रदेश में 16.09 लाख मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण के लक्ष्य के विरुद्ध 16.68 लाख मानक बोरा तेंदूपत्ता का संग्रहण किया गया और तेंदूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक के रूप में 667.20 करोड़ रुपये वितरित किये गये।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पेसा एक्ट में 243 ग्राम सभाओं ने 22 हजार 212 मानक बोरा तेंदूपत्ता का संग्रहण कर 11.36 करोड़ रुपये का व्यापार किया है। वर्ष 2024 में 125 करोड़ रुपये का तेंदूपत्ता बोनस वितरण का लक्ष्य है। प्रधानमंत्री जनमन योजना के अंतर्गत विशेष पिछड़ी जनजाति समूह के विकास के लिये 57 वन-धन विकास केन्द्र स्वीकृत किये गये हैं। वर्ष-2025 के रोपण के लिये वन विभाग द्वारा लगभग 5 करोड़ पौधे तैयार किये जा रहे हैं। वन्य-प्राणियों की पोस्टमार्टम रिपोर्टिंग प्रणाली को वेब आधारित किया गया है। चीता परियोजना के द्वितीय चरण में गाँधी सागर अभयारण्य मंदसौर में चीता लाने की तैयारी की जा रही है। साथ ही माधव राष्ट्रीय उद्यान को एनटीसीए द्वारा टाइगर रिजर्व बनाने की सहमति दे दी गयी है।

#dailyaawaz #newswebsite #news #newsupdate #hindinews #breakingnews #headlines #headline #newsblog #hindisamachar #latestnewsinhindi

Hindi news, हिंदी न्यूज़ , Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Breaking News in Hindi, ताजा ख़बरें

News Source: mpinfo.org

Google search engine

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here