वल्लालर के नाम से प्रसिद्ध महान रामलिंग स्वामी की 200वीं जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना संदेश जारी किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, महान संत रामलिंगा स्वामी की 200वीं जयंती के अवसर पर इस कार्यक्रम को संबोधित करना सम्मान की बात है। यह और भी खास है कि कार्यक्रम उस स्थान पर हो रहा है जो वल्लालर से निकटता से जुड़ा हुआ है। वल्लालर सीखने और शिक्षा की शक्ति में विश्वास करते थे। एक गुरु के रूप में उनके दरवाजे हमेशा खुले थे। वह चाहते थे कि युवा तमिल, अंग्रेजी और संस्कृत में पारंगत हों।
मीडिया सूत्रों से प्राप्त जानाकरी के अनुसार, उन्होंने यह भी कहा कि, पिछले 9 वर्षों में भारतीय शिक्षा बुनियादी ढांचे में एक बड़ा बदलाव देखा गया है। तीन लंबे दशकों के बाद आखिरकार भारत को एक नई शिक्षा नीति मिल गई जो शिक्षा परिदृश्य को बदल रही है। अब ध्यान नवप्रवर्तन, अनुसंधान और विकास पर केंद्रित हो गया है। आगे उन्होंने यह भी कहा कि, सामाजिक सुधारों के मामले में वल्लालर अपने समय से आगे थे। ईश्वर के प्रति उनके दृष्टिकोण धर्म, जाति और पंथ की बाधाओं से परे थे। उन्होंने ब्रह्मांड के प्रत्येक परमाणु में दिव्यता देखी। उनकी शिक्षाओं का लक्ष्य एक समान समाज के लिए काम करना है। जब मैं वल्लालर को श्रद्धांजलि देता हूं तो ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ में मेरा विश्वास और भी मजबूत हो जाता है।
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