देश के कुछ राज्यों में अग्निपथ सेना भर्ती योजना के ख़िलाफ़ प्रदर्शनों के चलते, तीनों सेनाओं की joint प्रेस conference में स्पष्ट किया गया कि यह योजना वापस नहीं ली जाएगी। इस योजना को प्रगतिशील कदम बताया है। लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि यह योजना किसी भी हालत में वापस नहीं होगी। उन्होंने कहा कि सेना में भर्ती होने के लिए सबसे पहली जरूरत अनुशासन की होती है, इसलिए युवाओं को शांत होकर योजना को समझना चाहिए।
केंद्र सरकार द्वारा अग्निपथ योजना की घोषणा के बाद कुछ राज्यों में उग्र प्रदर्शन कर पिछले पाँच दिनों में प्रदर्शनकारियों ने कई इलाकों में ट्रेन के डिब्बों में आग लगाई और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया।
इस बीच तीनों सेनाओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है।लेफ्टिनेंट जनरल अरुण पुरी ने कहा कि देश की सेवा में बलिदान देने वाले अग्निवीरों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा मिलेगा। सुविधाएं नियमित सैनिकों जैसी मिलेंगी ‘अग्निवीर’ को सियाचिन और अन्य क्षेत्रों जैसे क्षेत्रों में वही भत्ता और सुविधाएं मिलेंगी जो वर्तमान में नियमित सैनिकों पर लागू होती हैं। सेवा शर्तों में उनके साथ कोई भेदभाव नहीं होगा।
सेना ने प्रेस कांफ्रेंस में तीनों सेनाओं ने भर्ती प्रक्रिया के लिए तारीखों का ऐलान कर दिया है। थलसेना ने कहा है कि उसकी भर्ती प्रक्रिया 1 जुलाई से शुरू हो जाएगी।
एयर मार्शल ने कहा कि भारतीय वायुसेना में 24 जून से अग्निवीरों के पहले बैच को लेने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। यह एक ऑनलाइन सिस्टम है। उसी के तहत उसपर रजिस्ट्रेशन प्रारंभ होगा। एक महीने बाद 24 जुलाई से फेज-1 ऑनलाइन परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी।