श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह के बाद बाहरी दीवारें भी अब स्वर्ण चमक बिखेरने लगीं हैं। बाबा विश्वनाथ का मंदिर अब पूरी तरह से स्वर्णमयी रूप में नजर आ रहा है। गर्भगृह के अंदर लगी दीवार के स्वर्ण को क्षतिग्रस्त होने से बचाने के लिए पारदर्शी प्लास्टिक की सीट लगाई गई है।
काशी विश्वनाथ मंदिर में स्वर्ण लगाने का कार्य गुरुवार को पूर्ण हो गया। लगभग 60 किलो सोने की परत मंदिर के गर्भ गृह और बाहरी दीवारों पर लगाई गई। वहीं चारों दरवाजों की चौखट और पत्थरों पर भी स्वर्ण की परत चढ़ाई गई। काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी के अनुसार, एक दानदाता द्वारा मंदिर परिसर में स्वर्ण लगाने की इच्छा जताई गई, जिसकी अनुमति लेकर यह कार्य शुरू कराया गया। प्रथम चरण में यह कार्य मंदिर के गर्भ गृह के अंदर की दीवारों पर वही छत में बने श्रीयंत्र को भी स्वर्ण मंडित किया गया जो कि फरवरी-मार्च तक पूर्ण कर लिया गया था। इसके बाद दूसरे चरण का कार्य प्रारंभ हुआ, जिसमें मंदिर के बाहरी दीवारों और चौखट पर स्वर्ण मंडन का कार्य प्रारंभ हुआ, जो गुरुवार को पूर्ण कर लिया गया। काशी विश्वनाथ के दर्शन करने आ रहे भक्त भी इस बात से काफी प्रसन्न दिखाई दे रहे हैं।