वाहनों की नंबर प्लेट पहचान कर ऑटोमेटिक प्रणाली से टोल वसूला जाएगा

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मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर, टोल प्लाजा पर 2018-19 के दौरान वाहनों का औसत प्रतीक्षा समय आठ मिनट था। फास्टैग की शुरुआत के साथ 2020-21 और 2021-22 के दौरान वाहनों के लिए औसत प्रतीक्षा समय घटकर 47 सेकेंड हो गया है। हाइवे पर जब आप सफर करते हैं तब आप टोल कैसे चुकाते हैं? ज्यादातर वहां चालक इसके लिए आधुनिक तकनीकी का इस्तेमाल करते हुए फास्टैग से टोल का भुगतान करते हैं। इससे पहले नकद भुगतान करके टोल चुकाया जाता था। लेकिन अब फास्टैग तकनीकी भी इतिहास बन जाएगी। अब एक नई तकनीकी के जरिए टोल का भुगतान किया जा सकेगा।

मीडिया सूत्रों के हवाले से सामने आई जानकारी के अनुसार, अब टोल प्लाजा पर वाहनों की नंबर प्लेट पहचान कर ऑटोमेटिक प्रणाली से टोल वसूला जाएगा। इस प्रणाली का केंद्र सरकार ने पायलट परीक्षण भी शुरू कर दिया है। सरकार का मानना है कि इससे टोल प्लाजा पर वाहनों की भीड़ घटेगी और जो वाहन हाईवे पर जितना चलेगा, ठीक उतना ही शुल्क उससे वसूला जाएगा। मीडिया की माने तो, केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को इंडो-अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स की 19वीं इंडो-यूएस इकोनॉमिक समिट में यह जानकारी दी। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि, इस नई टेक्नोलॉजी के साथ हमें दो फायदे मिल सकते हैं-टोल बूथ पर ट्रैफिक की बेरोकटोक आवाजाही और इस्तेमाल के अनुसार भुगतान।

मीडिया सूत्रों के अनुसार, सरकार इसी क्रम में GPS आधारित टोल कलेक्शन पर भी विचार कर रही है। जहां जीपीएस बेस्ड टोल कलेक्शन टोल प्लाजा पर वाहनों के रुकने को पूरी तरह से समाप्त कर देगा और तय की गई दूरी के अनुसार टोल एकत्र करेगा, वहीं नितिन गडकरी का कहना है कि फास्ट टैग ने भारतीय सड़कों पर भीड़भाड़ कम करने में मदद की है जैसा पहले कभी नहीं हुआ।

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