मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, विदेश मंत्री डॉ. सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने इस वर्ष के अंत तक महत्वकांक्षी और संतुलित भारत-यूरोपीय संघ मुख्य व्यापार समझौते के प्रति भारत का समर्थन व्यक्त किया है। विदेशी मामलों और सुरक्षा नीति पर यूरोपीय संघ की उच्च प्रतिनिधि काजा केलास के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान उन्होंने कहा कि भारत और यूरोपीय संघ दो महत्वपूर्ण शक्तियां है। उन्होंने समय के अनुरूप वास्तविकता को ध्यान में रखते हुए दोनों पक्षों के बीच गहरे संबंधों का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि विश्व में बड़े बदलाव का दौर चल रहा है और इसमें कोई शक नहीं कि अब बहुध्रवीय तथा सामरिक स्वायत्तता का युग आ गया है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने यह भी कहा कि यूरोपीय संघ की उच्च प्रतिनिधि के साथ उन्होंने वैश्विक व्यवस्था के संबंध में विचार-विमर्श किया और यूक्रेन संघर्ष सहित यूरोप की स्थिति, पश्चिम एशिया, भारतीय उपमहाद्वीप तथा हिन्द-प्रशांत क्षेत्र के संबंध में चर्चा की। इस दौरान आतंकवाद का सामना करने के मुद्दे पर भी बातचीत हुई। विदेशी मामलों और सुरक्षा नीति पर यूरोपीय संघ की उच्च प्रतिनिधि काजा केलास ने इस दौरान परमाणु हथियारों के खतरे को भारत और यूरोपीय संघ दोनों के लिए एक समान रूप से चिंता का विषय करार दिया। यूरोप की एक सप्ताह की यात्रा के दौरान विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर फ्रांस के नेताओं के साथ भी बातचीत करेंगे। इस दौरान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और आतंकवाद के विरूद्ध शून्य सहनशीलता की भारत की नीति के संबंध में बातचीत होगी।
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