मीडिया सूत्रों द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार, लोकसभा के चौथे चरण के चुनाव से ठीक पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल को चुनाव प्रचार के लिए सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत से न केवल आप बल्कि विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए में शामिल पार्टियों को अपने चुनाव अभियान को और तेवर देने का मौका दिख रहा है। तभी बिना देरी किए आइएनडीआइए के कई घटक दलों ने अपने-अपने राज्यों में केजरीवाल को चुनाव प्रचार के लिए आने का निमंत्रण भेजना शुरू कर दिया है। खासकर विपक्षी गठबंधन में शामिल उत्तरप्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में प्रभावी क्षेत्र दलों ने अपने यहां केजरीवाल को चुनाव प्रचार के लिए आने का आग्रह किया है। इतना ही नहीं चुनाव के बाकी बचे तीन चरणों के दौरान आईएनडीआईए की कुछ संयुक्त रैलियों की भी योजना बनाई जा रही है। इसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री की सक्रिय भागीदारी होगी।
जानकारी के लिए बता दें कि, विपक्षी आईएनडीआईए खेमे के एक वरिष्ठ नेता ने अनौपचारिक चर्चा में इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि जेल से बाहर आने के बाद अपने पहले सार्वजनिक संबोधन में अरविंद केजरीवाल ने भाजपा और पीएम मोदी की राजनीति पर हमले की जो रूपरेखा खींच दी है, उसे देखते हुए संदेह नहीं कि बचे हुए चुनाव अभियान के दौरान विपक्ष उनका पूरा उपयोग करने में कसर नहीं छोड़ेगा। कांग्रेस के तीन प्रमुख नेताओं राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और मल्लिकार्जुन खरगे के अलावा विपक्ष के राष्ट्रीय स्तर पर चुनाव अभियान को धार देने वाला कोई नेता मैदान में अभी तक नहीं था। ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल में अपना राजनीतिक गढ़ बचाने की तो अखिलेश यादव उत्तरप्रदेश में भाजपा का रथ रोकने की कोशिश में जुटे हैं। शरद पवार और उद्धव ठाकरे अपने सियासी अस्तित्व को कायम करने की अंतिम लड़ाई लड़ रहे और इसलिए महाराष्ट्र से बाहर नहीं निकल पा रहे।
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