मीडिया सूत्रों द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार, चुनाव आयोग ने मंगलवार को कहा कि राजनीतिक दलों के स्टार प्रचारक समाज के ढांचे को विभाजनकारी बयानों से खराब न करें। आयोग ने कहा कि नेताओं की यह प्राथमिक जिम्मेदारी है कि वे सामाजिक ताने-बाने को बनाए रखें। उम्मीद है कि वे अपनी इस जिम्मेदारी को समझेंगे और शेष तीन चरणों में आदर्श उदाहरण पेश करेंगे। आयोग का यह बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतों और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा व कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को कारण बताओ नोटिस जारी करने की पृष्ठभूमि में आया है। इसी के साथ आयोग ने आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) उल्लंघन मामले में दूसरी रिपोर्ट जारी की है। इसके मुताबिक, आयोग ने दो महीने में 425 शिकायतों में 90 फीसदी का समाधान किया है।
जानकारी के लिए बता दें कि, आयोग के मुताबिक, अब तक हुए चार चरण के चुनावों में कहीं से भी किसी अप्रिय घटना या हिंसा का समाचार नहीं है। इस दौरान प्रचार का अनावश्यक शोर-शराबा, अव्यवस्था, किसी प्रकार का प्रलोभन और दबाव नहीं चला। आयोग ने रिकॉर्ड समय में 400 शिकायतों का निपटारा कर दिया है। केवल भाजपा और कांग्रेस ही ऐसा राजनीतिक दल हैं, जिनके खिलाफ बड़ी शिकायतें लंबित हैं। इसमें कांग्रेस ने 170 शिकायतें की हैं। भाजपा ने 95 और 170 शिकायतें अन्य राजनीतिक दलों से आयोग को मिली है। चुनाव आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, आचार संहिता लागू होने के बाद से 14 मई तक सी-विजिल एप और आयोग के पोर्टल पर 4,22,432 शिकायतें मिलीं। 4,22,079 मामलों में कार्रवाई की। इनमें से 88.7 फीसदी शिकायतों का समाधान 100 मिनट से भी कम समय में किया गया।
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