मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, भारत और चिली ने व्यापार और निवेश बढ़ाने के लिए एक व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते की दिशा में चर्चा करने पर सहमति व्यक्त की है। विदेश मंत्रालय के सचिव पेरियासामी कुमारन ने नई दिल्ली में संवाददाताओं को बताया कि दोनों देशों के बीच वर्तमान में आंशिक व्यापार समझौता है, जिसका उद्देश्य इसे एक व्यापक विदेशी व्यापार समझौते में विस्तारित करना है। विदेश मंत्रालय के सचिव पेरियासामी कुमारन ने चिली के राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक फॉन्ट की भारत यात्रा के बारे में संवाददाताओं से बातचीत में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दोनों पक्ष अपने हितों की रक्षा करने में संतुलन बनाने के लिए काम कर रहे हैं। विदेश मंत्रालय के सचिव पेरियासामी कुमारन ने कहा कि भारत के हितों में कृषि निर्यात का विस्तार करना और महत्वपूर्ण खनिजों को प्राप्त करना शामिल है। उन्होंने कहा कि चिली की रुचि कुछ कृषि उत्पादों के निर्यात में है जो भारतीय बाजार में आसानी से उपलब्ध नहीं हैं। विदेश मंत्रालय के सचिव पेरियासामी कुमारन ने बताया कि भारत की रुचि रक्षा निर्यात बढाने में है। उन्होंने रेखांकित किया कि चिली की रक्षा औद्योगिक क्षेत्र में गहरी दिलचस्पी है क्योंकि उसका मानना है कि यह क्षेत्र कई महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों को विकसित करता है। विदेश मंत्रालय के सचिव पेरियासामी कुमारन ने कहा कि चिली दुनिया में तांबे का सबसे बड़ा उत्पादक है और उसके पास लिथियम तथा अन्य खनिजों का पर्याप्त भंडार है। उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष इस संबंध को और मजबूत बनाने के इच्छुक हैं।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, विदेश मंत्रालय के सचिव पेरियासामी कुमारन ने यह भी बताया कि कल नई दिल्ली में कई व्यापारिक बैठकें होने की आशा है। इससे अगले दिन चिली के राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक फॉन्ट मुंबई की अपनी यात्रा के दौरान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और राज्यपाल के साथ आधिकारिक बैठकें कर सकते हैं। बेंगलुरू में वे कर्नाटक के राज्यपाल और मुख्यमंत्री से मिलेंगे। विदेश मंत्रालय के सचिव पेरियासामी कुमारन ने यह भी बताया कि राष्ट्रपति बोरिक चिली में भारतीय निवेश आकर्षित करने के भी इच्छुक हैं। उन्होंने बंदरगाहों, हवाई अड्डों, खनन, रेलवे, बुनियादी ढांचे और नवीकरणीय ऊर्जा सहित भारतीय व्यवसायों के लिए कई अवसरों पर प्रकाश डाला। श्री कुमारन ने बताया कि प्रौद्योगिकी सहयोग एजेंडे में शीर्ष पर है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति बोरिक ने शिक्षा, प्रौद्योगिकी, नवाचार, सांस्कृतिक आदान-प्रदान, शैक्षणिक सहयोग के साथ-साथ आयुर्वेद और योग जैसे क्षेत्रों में सहयोग तथा आदान-प्रदान में गहरी रुचि दिखाई है। श्री कुमारन ने इस बात पर प्रकाश डाला कि लैटिन अमेरिकी क्षेत्र में चिली भारत का एक महत्वपूर्ण साझेदार है।
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