शीतकालीन चारधाम यात्रा के लिए बनेगी एसओपी, उत्तराखंड डीजीपी ने दिए निर्देश

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शीतकालीन चारधाम यात्रा के लिए बनेगी एसओपी, उत्तराखंड डीजीपी ने दिए निर्देश

मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, शीतकालीन चारधाम यात्रा के सुचारू संचालन को लेकर पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ ने देहरादून, हरिद्वार, रुद्रप्रयाग, चमोली व उत्तरकाशी के पुलिस कप्तानों को एसओपी बनाने के निर्देश दिए हैं। पुलिस महानिदेशक ने जनपद पुलिस की ओर से की जा रही तैयारियों के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने यात्रा में धामों के शीतकालीन प्रवास स्थलों पर त्रुटिरहित सुरक्षा, सुव्यवस्थित यातायात व्यवस्था, सुगम व सुरक्षित यात्रा के भी निर्देश जारी किए हैं। पुलिस मुख्यालय में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ ने शीतकालीन चारधाम यात्रा के सफल संचालन के लिए संबंधित जनपदों में एक-एक राजपत्रित स्तर के पुलिस अधिकारी को नोडल अधिकारी नामित करने और चारधाम यात्रा का एक्शन प्लान तैयार कर उसके अनुरूप कार्रवाई सुनिश्चित करने व चारों धामों के शीतकालीन प्रवास स्थलों व यात्रा मार्गों पर आवश्यकतानुसार पुलिस बल का प्वाइंटवार व्यवस्था करने को कहा है।

मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, डीजीपी ने यह भी दिशा निर्देश दिए कि शीतकालीन चारधाम यात्रा के दौरान प्रतिदिन आने वाले श्रद्धालुओं व वाहनों की जानकारी गढ़वाल परिक्षेत्र के माध्यम से पुलिस मुख्यालय को उपलब्ध कराई जाए। चारों धामों के शीतकालीन प्रवास स्थलों में मंदिर समितियों के पदाधिकारियों के साथ समन्वय बैठक कर सुरक्षा संबंधी रूपरेखा तैयार कर ली जाए। सुरक्षा संबंधी रूपरेखा में चारों धामों के शीतकालीन प्रवास स्थलों में यात्रियों की सुरक्षा के साथ-साथ सभी प्रकार की आकस्मिक घटनाओं, जिसमें आतंकी हमला, बम विस्फोट, भूकंप, भूस्खलन, दैवीय आपदा व भीषण दुर्घटना के संबंध में तत्काल कार्रवाई के उद्देश्य से पृथक-पृथक आकस्मिक योजना तैयार कर करें। चारों धामों के शीतकालीन प्रवास स्थलों में नियुक्त समस्त पुलिस बल को सुरक्षा योजना एवं भीड़ नियंत्रण के संबंध में पूर्व से ही ब्रीफ करते हुए त्रुटिरहित सुरक्षा व्यवस्था के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए जाएं। यात्रा सीजन के दौरान चयनित आपदा संभावित क्षेत्रों में पूर्व से ही जनपदों में नियुक्त आपदा प्रबंधन टीम एवं एसडीआरएफ जवानों को आपदा राहत बचाव उपकरणों सहित ऐसे स्थानों पर नियुक्त किया जाए, जहां से वह अतिशीघ्र आपदा प्रभावित स्थानों पर पहुंच कर बचाव व राहत कार्य कर सकें। ओवर स्पीडिंग को रोकने के लिए ठोस रणनीति तैयार कर इस संबंध में मोटर वाहन अधिनियम के प्राविधानों के अंतर्गत कार्रवाई करें। यात्रा मार्गों पर पूर्व से चिह्नत ब्लैक स्पाट का दोबारा स्थलीय निरीक्षण कर लिया जाए व संबंधित विभाग से समन्वय बनाकर पैराफिट व क्रेश बैरियर लगवाए जाएं। वाहनों की क्षमता से अधिक सवारी व श्रद्धालुओं को ले जाने वाले वाहनों को आगे न जाने दिया जाए और कार्रवाई करें। यात्रा मार्गों में जहां खराब सड़क एवं भूस्खलन संभावित क्षेत्र हो वहां पर जनपदीय प्रशासन के सहयोग से चेतावनी बोर्ड लगाएं। यदि किसी स्थान पर भूस्खलन होने की जानकारी प्राप्त होती है तो उससे पूर्व के स्थानों पर यात्रियों को इसकी सूचना पहले ही दे दी जाए। ताकि यात्री उस ओर न जाएं और वैकल्पिक मार्ग होने पर उसका प्रयोग कर सके। बल्क एसएमएस के माध्यम से यात्रियों को मौसम एवं मार्ग अवरुद्ध होने की जानकारी दिए जाने की व्यवस्था की जाए।

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