बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया के तहत चल रही पंच पूजाओं के तीसरे दिन बृहस्पतिवार को खडक पुस्तक की पूजा की गई। इसके बाद धाम में छह माह के लिए वेद ऋचाओं का वाचन बंद कर दिया गया और खडग पुस्तक गर्भगृह में रखी गई। शुक्रवार को लक्ष्मी जी की पूजा होगी और कढ़ाई भोग लगाया जाएगा। 18 नवंबर को रावल स्त्री वेष धारण कर लक्ष्मी माता की प्रतिमा को भगवान बद्रीनाथ के सानिध्य में रखेंगे।
मीडिया की माने तो, बद्रीनाथ धाम के कपाट 18 नवंबर को अपराह्न 3 बजकर 33 मिनट पर बंद कर दिए जाएंगे। कपाट बंद होने की प्रक्रिया 14 नवंबर से पंच पूजाओं के साथ शुरू हुई। पहले दिन गणेश मंदिर और दूसरे दिन आदिकेदारेश्वर मंदिर व शंकराचार्य मंदिर के कपाट बंद हुए। वहीं तीसरे दिन बृहस्पतिवार को विधि-विधान के साथ खडग पुस्तक पूजन किया गया और वेद ऋचाओं का पाठ बंद हो गया।
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