संसद में पारित किया गया रेलवे-संशोधन विधेयकः 2024

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 मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, संसद ने रेलवे-संशोधन विधेयक 2024 पारित कर दिया है। विधेयक को आज राज्यसभा ने मंजूरी दी। विधेयक का उद्देश्य रेलवे अधिनियम 1989 में संशोधन करना है। इसका उद्देश्य रेलवे बोर्ड की शक्ति बढ़ाना और कार्यप्रणाली तथा स्वतंत्रता को बढ़ाना है। लोकसभा ने पिछले वर्ष ही इस विधेयक को अपनी मंजूरी दे दी थी।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि रेलवे, बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण, प्रौद्योगिकी अपनाने और सुरक्षा में सुधार पर ध्यान केंद्रित करते हुए निरंतर सुधार कर रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्षों में 34 हजार नई पटरियां बिछाई गई हैं।

श्री वैष्‍णव ने कहा कि इस दौरान 45 हजार किलोमीटर रेल लाइन का विद्युतीकरण किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने रेलवे और यात्री सुरक्षा को उच्च प्राथमिकता दी है। श्री वैष्णव ने कहा कि यूपीए शासन के दौरान सुरक्षा उपायों के लिए केवल आठ से दस हजार करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, लेकिन मोदी सरकार के कार्यकाल में इसके लिए एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया जा रहा है।

रेल मंत्री ने कहा कि मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग को पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है। श्री वैष्णव ने कहा कि वार्षिक रेल दुर्घटनाएं 171 से घटकर 30 रह गई हैं। उन्होंने कहा कि सरकार इसे भी समाप्‍त करने के लिए और प्रयास कर रही है। उन्होंने एलएचबी कोच, कोहरे से सुरक्षा के उपकरण तथा रेलगाडियों की टक्‍कर रोकने के लिए कवच उपकरण के बारे में भी बात की।

रेल मंत्री ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मोदी सरकार सहकारी संघवाद में विश्वास करती है और राज्य सरकार के सहयोग से कई परियोजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं। नई दिल्ली रेलवे स्टेशनों पर हाल की दुर्घटना के बारे में श्री वैष्णव ने कहा कि मामले की जांच जारी है और इस मामले का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए।

रेल मंत्री ने विपक्षी सदस्यों के नई दिल्ली रेलवे स्‍टेशन की भगदड़ के बाद सीसीटीवी कैमरे बंद करने के आरोपों को भी खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकने के लिए मंत्रालय देश भर के 60 रेलवे स्टेशन पर स्थायी प्रतीक्षा स्‍थल बनाएगा। श्री वैष्णव ने बताया कि प्रायोगिक परियोजना के रूप में नई दिल्ली, आनंद विहार, वाराणसी, अयोध्या और गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर काम शुरू हो गया है।

इससे पहले, कांग्रेस के विवेक तन्खा ने चर्चा शुरु करते हुए कहा कि रेलवे न केवल यात्रियों को बल्कि अरबों लोगों की आशाओं, सपनों और संघर्ष को भी साथ लेकर चलती है।

उन्होंने कहा कि रेलवे के विकास के लिए रेलवे बोर्ड को पूर्ण स्वायत्तता देना आवश्यक है। श्री तन्‍खा ने कहा कि रेलवे को एक पारदर्शी संगठन बनना चाहिए। उन्‍होंने वरिष्ठ नागरिकों और पत्रकारों के लिए रेलवे में सब्सिडी बहाल करने की भी मांग की।

भारतीय जनता पार्टी के सुभाष बराला ने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि इस विधेयक का उद्देश्य रेलवे के प्रशासनिक कामकाज को और अधिक सुचारू, पारदर्शी और उत्‍तरदायी बनाना है।

उन्होंने कहा कि विधेयक का उद्देश्य रेलवे बोर्ड को कानूनी समर्थन प्रदान करना है, जिससे रेलवे में व्यापक बदलाव आएगा। तृणमूल कांग्रेस की सुष्मिता देव ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

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News & Image Source: newsonair.gov.in

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