दिसंबर में भारत का कच्चे तेल के आयात का औसत मूल्य 77.79 डॉलर प्रति बैरल रहा। यह नवंबर में 87.55 डॉलर प्रति बैरल और अक्टूबर में 91.70 डॉलर प्रति बैरल था। मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, वैश्विक बाजारों में कच्चे तेल की कीमतों में नरमी आने के साथ ही सरकार ने भी तेल कंपनियों को बड़ी राहत दी है। कच्चा तेल कई दिनों से 80 डॉलर प्रति बैरल के स्तर के आसपास कारोबार कर रहा है। इसी बीच सरकार ने आज घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स में कटौती कर दी है। इसके अलावा डीजल और एविएशन फ्यूल के निर्यात पर लगाए जाने वाले विंडफॉल टैक्स यानि अप्रत्याशित लाभ कर में कटौती की है। विदित हो कि, सरकार ने इस वर्ष निर्यात को हतोत्साहित करने के लिए जुलाई से विंडफॉल टैक्स की व्यवस्था लागू की थी। मीडिया के अनुसार, सरकार हर 15 दिनों में इसकी समीक्षा भी करती है।
मीडिया सूत्रों के हवाले से सामने आई खबर के आधार पर, केंद्र सरकार ने घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स घटाने का ऐलान किया है। मीडिया की माने तो, एक आधिकारिक नोटिफिकेशन के अनुसार, पेट्रोलियम कंपनियों की ओर से घरेलू लेवल पर बनाए जाने वाले कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स को 11,000 रुपये प्रति टन से घटाकर अब 9,500 रुपये प्रति टन कर दिया गया है। मीडिया सूत्रों से प्राप्त हुई जानकारी के अनुसार, कच्चे तेल को परिष्कृत कर पेट्रोल, डीजल और एटीएफ जैसे ईंधन में बदला जाता है। सरकार ने डीजल के निर्यात पर भी कर आठ रुपये से घटाकर पांच रुपये प्रति लीटर कर दिया है। इसी तरह एटीएफ के निर्यात पर इसे पांच रुपये से घटाकर 1.5 रुपये प्रति लीटर किया गया है। कर की नई दरें 16 दिसंबर से प्रभावी हैं।
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