सरकार ने देश भर में लघु उद्यमों के प्रौद्योगिकी उन्नयन और डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं कार्यान्वित कीं

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सरकार ने देश भर में लघु उद्यमों के प्रौद्योगिकी उन्नयन और डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं कार्यान्वित कीं
(Representative Image)

मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय देश भर में छोटे उद्यमों के प्रौद्योगिकी उन्नयन और डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाओं और पहलों को लागू कर रहा है। इनमें अन्य बातों के साथ-साथ सूक्ष्म और लघु उद्यम -क्लस्टर विकास कार्यक्रम (सामान्य सुविधा केंद्र), टूल रूम/प्रौद्योगिकी केंद्र, सूक्ष्म और लघु उद्यम – परिवर्तन के लिए हरित निवेश वित्तपोषण योजना, और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम चैंपियंस योजना शामिल हैं। ये पहल आधुनिकीकरण, कौशल और गुणवत्ता वृद्धि, उन्नत प्रौद्योगिकी पहुंच, हरित प्रौद्योगिकी अपनाने और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम की बेहतर प्रतिस्पर्धात्मकता में सहायता करती हैं। सरकार उद्यम पोर्टल, एमएसएमई चैंपियंस पोर्टल, सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम), ट्रेड रिसीवेबल्‍स डिकाउंटिंग सिस्‍टम (टीआरडीएस), एमएसएमई मार्ट, एमएसएमई संबंध और ऑनलाइन विवाद  समाधान पोर्टल जैसी पहलों के माध्यम से डिजिटलीकरण को आगे बढ़ा रही है

मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) देश भर में 20 नए प्रौद्योगिकी केंद्रों (टीसी) और 100 विस्तार केंद्रों (ईसी) की स्थापना के लिए ‘नए प्रौद्योगिकी केंद्रों/विस्तार केंद्रों की स्थापना’ नामक एक स्‍कीम लागू कर रहा है। इसका उद्देश्य प्रौद्योगिकी, कुशल मानव संसाधन और सलाहकार सेवाओं के लिए एमएसएमई की स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार समाधान प्रदान करने हेतु प्रौद्योगिकी केंद्रों के नेटवर्क की भौगोलिक पहुंच को बढ़ाना है। इससे जमीनी स्तर पर एमएसएमई की प्रतिस्पर्धात्मकता और लाभप्रदता बढ़ेगी। इस स्‍कीम के तहत, नए प्रौद्योगिकी केंद्रों की स्थापना के लिए 20 स्थानों को मंजूरी दी गई है, जिनमें गया (बिहार) और बोकारो (झारखंड) जैसे आकांक्षी जिलों में दो स्थान शामिल हैं। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय ने अपने क्षेत्रीय संगठनों में 65 निर्यात सुविधा केंद्र (ईएफसी) स्थापित किए हैं, जिनमें एमएसएमई-विकास और सुविधा कार्यालय, एमएसएमई प्रौद्योगिकी केंद्र और एमएसएमई परीक्षण केंद्र शामिल हैं। इनका उद्देश्य एमएसएमई को उनकी निर्यात प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए अपेक्षित मार्गदर्शन और सहायता प्रदान करना है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्य मंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

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