नेशनल इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया ने गौशालाओं की आर्थिक हालातों में सुधार को ध्यान में रखते हुए टास्क फोर्स की रिपोर्ट जारी की है। मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इसमें ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर के उत्पादन पर विशेष ध्यान दिया गया है। नीति आयोग की वरिष्ठ सलाहकार डॉ. नीलम पटेल ने कहा कि गाय के गोबर और गोमूत्र का इस्तेमाल सर्कुलर इकोनॉमी का एक आदर्श उदाहरण है जो वेस्ट टू वेल्थ के आइडिया को बढ़ावा देता है।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, गौशालाओं की सूरत बदलने और उनके लिए नए बिजनेस करने के लिए सरकार ने खास प्लान बनाया है। नीति आयोग की एक समिति ने सुझाव दिया कि खेती के कामकाज में इस्तेमाल के लिए गोबर और गोमूत्र आधारित फॉर्मूलेशन के मार्केटिंग और वित्तीय सहायता के माध्यम से गौशालाओं को मदद दी जानी चाहिए। नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद की अध्यक्षता वाले टास्क फोर्स ने सभी गौशालाओं के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए एक पोर्टल स्थापित करने का प्रस्ताव दिया है।
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