हमारी डेली रूटीन लाइफ में स्मार्टफोन समेंत कई इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स का बहुत अधिक उपयोग बढ़ गया है। इन गैजेट्स के बिना कुछ घंटे भी रहना पाना बेहद मुश्किल भरा लगता है। लैपटॉप, स्मार्टफोन जैसे डिवाइसेस का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है। इन गैजेट्स् से हमारी जिंदगी आसान तो बनती है लेकिन इनसे हमें कई तरह के नुकसान भी होते हैं। ये इलेट्रॉनिक डिवाइस हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा प्रभाव डालते हैं। मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, महाराष्ट्र में एक ऐसा गांव है जहां लोग शाम को करीब 2 घंटे तक डिजिटल दुनिया के इन उपकरणों को पूरी तरह से बंद कर देते हैं। इसे पूरी प्रक्रिया को डिजिटल डिटॉक्स के नाम से जाना जाता है। डिजिटल डिटॉक्स एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें लोग पूरी तरह से डिजिटल दुनिया से कट जाते हैं और पूरी तरह से सोशल मीडिया से लेकर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से दूरी बना लेते हैं। डिजिटल डिटॉक्स एक ऐसा टाइम पीरियड है जब लोग कंप्यूटर, स्मार्टफोन, सोशल मीडिया का उपयोग नहीं करते। महाराष्ट्र के सांगली जिले के मोहितयांचे वडडागांव में प्रतिदिन शाम सात बजे सायरन की आवाज सुनते ही इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स जैसे- मोबाइल फोन, लैपटॉप, टीवी, टैबलेट को डेढ़ घंटे से ज्यादा समय तक के लिए बंद कर देते हैं।
मीडिया सूत्रों की माने तो, भारत में भी स्क्रीन की लत से परेशान लोग हॉस्पिटल पहुंच रहे हैं। ऐसे में, कुछ जगहों पर बढ़िया काम भी हो रहा है। ऐसा ही काम करने वालों में एक गांव है, जो महाराष्ट्र के सांगली जिले में है। इस गांव का नाम है मोहितयांचे वडडागांव। गांव के लोगों ने मिलकर डिजिटल की लत से छुटकारा पाने के लिए एक शानदार पहल शुरू की है। इस गांव के लोग हर शाम को एक घंटे से ज़्यादा देर के लिए डिजिटल दुनिया से दूर रहते हैं। स्क्रीन से इस दूरी को ‘डिजिटल डिटॉक्स’ कहा जाता है।
Image Source : News18 Hindi
#dailyaawaz #newswebsite #news #newsupdate #hindinews #breakingnews #headlines #headline #newsblog #hindisamachar #latestnewsinhindi
Hindi news, हिंदी न्यूज़ , Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Breaking News in Hindi, ताजा ख़बरें