सिंचाई परियोजनाओं को तय समय-सीमा में पूरा करें : सीएम शिवराज सिंह

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748 करोड़ 57 लाख रूपए लागत की 6 वृहद सिंचाई परियोजनाएँ स्वीकृत
परियोजनाओं के पूरा होने से 38 हजार 470 हेक्टेयर क्षेत्र में हो सकेगी सिंचाई
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई वृहद परियोजना नियंत्रण मंडल की बैठक

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में सिंचाई के लिए निर्मित होने वाली वृहद परियोजनाओं का कार्य तय समय-सीमा में और गुणवत्तापूर्ण किया जाए। मुख्यमंत्री चौहान ने जल संसाधन विभाग की 6 वृहद सिंचाई परियोजनाओं की स्वीकृति की अनुशंसा की। इन परियोजनाओं के पूरा होने से 38 हजार 470 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षमता में वृद्धि हो सकेगी। परियोजनाओं के पूरा होने की अनुमानित लागत 748 करोड़ 57 लाख रूपए है। मुख्यमंत्री चौहान मंत्रालय में आज वृहद परियोजना नियंत्रण मंडल की 117 वीं बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा, किसान-कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री कमल पटेल, नर्मदा घाटी विकास राज्य मंत्री भारत सिंह कुशवाह, अपर मुख्य सचिव एस.एन. मिश्रा और संबंधित विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

हरबाखेड़ी बैराज मध्यम परियोजना

उज्जैन जिले की महिदपुर तहसील में क्षिप्रा नदी पर प्रस्तावित हरबाखेड़ी बैराज मध्यम परियोजना स्वीकृत की गई। यह परियोजना माइक्रो सिंचाई पद्धति पर आधारित है। परियोजना की अनुमानित लागत 104 करोड़ 28 लाख रूपए है। परियोजना में 10.76 एम.सी.एम. के बैराज तथा दाब युक्त पाइप नहर निर्माण का कार्य शामिल है। परियोजना के पूरा होने से महिदपुर तहसील में 3050 हेक्टेयर क्षेत्र में रबी फसलों की सिंचाई हो सकेगी।

पांगरी मध्यम माइक्रो सिंचाई परियोजना

बुरहानपुर जिले की खकनार तहसील में बड़ी उतावली नदी पर प्रस्तावित पांगरी मध्यम माइक्रो सिंचाई परियोजना को स्वीकृति दी गई। इस परियोजना की अनुमानित लागत 112 करोड़ 50 लाख रूपये है। परियोजना के पूरा होने से बुरहानपुर जिले की खकनार तहसील के 10 ग्रामों में 4400 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।

लामटा प्रेशराइज्ड पाइप इरिगेशन नेटवर्क परियोजना

बालाघाट जिले के परसबाड़ा विकासखण्ड में प्रस्तावित लामटा प्रेशराइज्ड पाइप इरिगेशन नेटवर्क परियोजना को स्वीकृति दी गई। परियोजना में लगभग 100 वर्ष पूर्व निर्मित क्षतिग्रस्त हिस्से की अपस्ट्रीम में पम्प हाउस का निर्माण कर हॉज सिस्टम से 55 ग्रामों की 9,630 हेक्टेयर भूमि पर खरीफ (धान) की फसल में सिंचाई की जा सकेगी। परियोजना की लागत 137 करोड़ 26 लाख रूपये है।

जैरा मध्यम माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना

सागर जिले की जैरा मध्यम माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना को स्वीकृति दी गई। इसकी अनुमानित लागत 102 करोड़ 52 लाख रूपये है। इससे 5400 हेक्टेयर में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। इसमें बाँध निर्माण, प्रेशराइज्ड पाईप इरिगेशन प्रणाली का कार्य किया जाएगा।

सामाकोटा बैराज सिंचाई परियोजना

उज्जैन जिले की सामाकोटा बैराज सिंचाई परियोजना को स्वीकृति दी गई। इसकी अनुमानित लागत 141 करोड़ 11 लाख रूपये है। इससे लगभग 6 हजार हेक्टेयर में सिंचाई हो सकेगी। इसके अंतर्गत बैराज निर्माण, प्रेशराइज्ड पाईप इरिगेशन प्रणाली विकास कार्य शामिल हैं।

टेम मध्यम् सिंचाई परियोजना

विदिशा जिले की टेम मध्यम् सिंचाई परियोजना को भी स्वीकृति दी गई। इस परियोजना में बाँध निर्माण का कार्य प्रारंभ किया जा चुका है। परियोजना में बाँध निर्माण तथा प्रेशराइज्ड पाइप नहर निर्माण का कार्य शामिल है। परियोजना की अनुमानित लागत 151 करोड़ 28 लाख रूपये है। परियोजना से भोपाल जिले की बेरसिया तहसील एवं गुना जिले की मकसूदनगढ़ तहसील के 47 ग्रामों के 9,990 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।

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