मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सीरिया में वर्षों बाद एक बार फिर से लड़ाई छिड़ गई है। सीरियाई सेना ने माना है कि विद्रोही अलेप्पो शहर के बड़े हिस्से में घुस आए हैं और वहां पर उन्होंने दर्जनों सैनिकों को मार डाला है। शहर के बाकी हिस्सों से सेना ने अपने सैनिक बुला लिए हैं और अब विद्रोहियों पर जवाबी हमले के लिए रणनीति बनाई जा रही है। पता चला है कि अलेप्पो पर विद्रोहियों के कब्जे के बाद रूसी सेना सक्रिय हो गई है और उसके लड़ाकू विमानों ने विद्रोहियों पर हमले शुरू कर दिए हैं। सीरिया के दूसरे बड़े शहर अलेप्पो पर विद्रोहियों के कब्जे ने राष्ट्रपति बशर अल-असद की मुश्किलें फिर से बढ़ा दी हैं। पर ताजा हमला इस्लामिक संगठन हयात तहरीर अल-शाम के लड़ाकों ने किया है। विभिन्न सशस्त्र गुटों के कब्जे वाले देश में करीब चार वर्षों के बाद लड़ाई छिड़ी है। उससे पहले सीरिया की सरकारी सेना ने रूस और ईरान के सहयोग से असद विरोधी विद्रोह को दबा दिया था।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, सीरिया की सेना ने कहा है कि उसकी बमबारी से विद्रोहियों को अलेप्पो में आगे बढ़ने में मुश्किलें आ रही हैं और वे किसी स्थान पर अपने कब्जे को मजबूत नहीं कर पा रहे हैं। जल्द ही विद्रोहियों को शहर से बाहर कर दिया जाएगा। जबकि विद्रोही सूत्रों के अनुसार उन्होंने इदलिब प्रांत के मरात अल नूमन शहर को भी सरकारी सेना से छीन लिया है। इस प्रकार से पूरा प्रांत विद्रोहियों के कब्जे में आ गया है। विद्रोहियों का दावा अगर सही है तो यह राष्ट्रपति असद के लिए बड़ा झटका होगा। इस बीच रूस ने असद को आश्वस्त किया है कि 72 घंटों में वह अतिरिक्त सैन्य सहायता सीरिया को भेजेगा जिससे विद्रोहियों को नियंत्रित किया जा सकेगा। असद समर्थक ईरान ने ताजा विद्रोही हमलों के लिए अमेरिका और इजरायल को जिम्मेदार ठहराया है।
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