आर्य समाज की तरफ से शादी के सर्टिफिकेट जारी करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आर्य समाज को विवाह प्रमाण पत्र जारी करने का कोई अधिकार नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने आर्य समाज द्वारा कराई गई शादियों के विवाह प्रमाण पत्र को गैरकानूनी करार दिया है। कोर्ट ने कहा कि शादी का प्रमाण पत्र देना आर्य समाज का काम नहीं है।
इसके साथ ही कोर्ट ने नाबालिग लड़की के अपहरण और दुष्कर्म के आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी। बेंच ने आरोपी के वकील की इस दलील को खारिज कर दिया कि लड़की बालिग है और दोनों ने एक आर्य समाज मंदिर में शादी की है। उनके पास दस्तावेज के तौर पर इसका एक विवाह प्रमाण पत्र भी है। बेंच ने कहा ‘आर्य समाज को विवाह प्रमाण पत्र जारी करने का कोई अधिकार नहीं है।’