सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों का दल पहुंचा मणिपुर, हिंसा पीड़ितों से की मुलाकात

0
13
सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों का दल पहुंचा मणिपुर, हिंसा पीड़ितों से की मुलाकात

मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस बीआर गवई ने उम्मीद जताई है कि जातीय संघर्ष से त्रस्त मणिपुर में ”मौजूदा मुश्किल दौर” कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका की सहायता से जल्द खत्म हो जाएगा और राज्य देश के बाकी हिस्सों की तरह समृद्ध होगा। शनिवार को जस्टिस गवई ने मणिपुर का दौरा करने वाले सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों के एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। उन्होंने लोगों से शांति और सद्भाव बहाल करने के लिए मिलकर काम करने का आह्वान किया। मई, 2023 से इंफाल घाटी स्थित मैतेई और आसपास के पहाड़ों पर स्थित कुकी-जो समूहों के बीच जातीय हिंसा में 250 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं। मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के अपने पद से इस्तीफा देने के पांच दिन बाद 13 फरवरी को संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया था।

मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, अधिकारियों ने बताया कि जस्टिस गवई ने सुप्रीम कोर्ट के जज विक्रम नाथ, एमएम सुंदरेश और केवी विश्वनाथन के साथ चूड़चंदपुर जिले में एक राहत शिविर का दौरा किया और आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों से मुलाकात की। बहरहाल, सुप्रीम कोर्ट के जजों के प्रतिनिधिमंडल में शामिल और मैतेई समुदाय से ताल्लुक रखने वाले जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह कुकी बहुल चूड़चंदपुर नहीं गए क्योंकि वहां वकीलों के एक संगठन ने इस पर आपत्ति जताई थी। जस्टिस सिंह ने अपनी यात्रा का समापन बिष्णुपुर जिले में किया। जजों के प्रतिनिधिमंडल ने चूड़चंदपुर जिलान्तर्गत लामका इलाके में स्थित मिनी सचिवालय से एक कानूनी सेवा शिविर, एक चिकित्सा शिविर और एक कानूनी सहायता क्लिनिक का भी वर्चुअल उद्घाटन किया। इस अवसर पर मणिपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस जस्टिस डी कृष्णकुमार और जस्टिस गोलमेई गैफुलशिलू भी मौजूद थे। सभा को संबोधित करते हुए जस्टिस गवई ने कहा, ”हमारा देश विविधता में एकता का सच्चा उदाहरण है। भारत हम सभी का घर है। हम जानते हैं कि आप सभी एक कठिन दौर से गुजेर रहे हैं। लेकिन, कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका – सभी के सहयोग से यह दौर थोड़े समय में ही समाप्त हो जाएगा।” उन्होंने कहा, ”हमारा संविधान एक महान दस्तावेज है। जब हम अपने देश की तुलना अपने पड़ोसी देशों से करेंगे तो हमें एहसास होगा कि हमारे संविधान ने हमें मजबूत और एकजुट रखा है। संविधान पर विश्वास रखें..एक दिन मणिपुर में पूरी तरह शांति लौट आएगी और राज्य पूरे देश की तरह समृद्ध होगा।” जस्टिस गवई ने राज्य के लोगों से शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया। वह राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने कहा कि प्राधिकरण ने आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों को राहत सामग्री उपलब्ध कराने के लिए पहले दी गई 1.5 करोड़ रुपये की राशि के अतिरिक्त 2.5 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। उन्होंने कहा, ”लोगों को सशक्त करने के उद्देश्य से एक न्यायपूर्ण समाज के लिए न्याय, स्वास्थ्य सेवा और अवसरों तक पहुंच के सिद्धांत बहुत महत्वपूर्ण होते हैं।”

#dailyaawaz #newswebsite #news #newsupdate #hindinews #breakingnews #headlines #headline #newsblog #hindisamachar #latestnewsinhindi

Hindi news, हिंदी न्यूज़ , Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Breaking News in Hindi, ताजा ख़बरें

Google search engine

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here