मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, असम के डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल से एक सुरक्षा में चूक का एक बड़ा मामला सामने आया है। यहां एनएसए के तहत गिरफ्तार किए गए खालिस्तानी आतंकी और ‘वारिस पंजाब दे’ प्रमुख अमृतपाल सिंह और उनके 9 सहयोगी पिछले साल 19 मार्च से बंद हैं। डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल से शनिवार को एक जासूसी कैमरा, एक स्मार्टफोन, एक कीपैड फोन, पेन ड्राइव, ब्लूटूथ हेडफोन और स्पीकर, एक स्मार्टवॉच और कई अन्य उपकरण बरामद हुए हैं।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, असम के पुलिस महानिदेशक जीपी सिंह ने सोशल मीडिया पर खुलासा किया कि अनधिकृत गतिविधियों का संकेत देने वाली खुफिया जानकारी के आधार पर जेल कर्मचारियों ने परिसर की तलाशी ली। तलाशी के दौरान विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक उपकरण मिले। उन्होंने कहा कि इनके स्रोत का पता लगाया जा रहा है। एनएसए ब्लॉक में अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरा लगाए गए हैं।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, उन्होंने आगे कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए अतिरिक्त कानूनी कार्रवाई और निवारक उपाय लागू किए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि डीजीपी ने यह नहीं बताया कि जेल में बंद डब्ल्यूडीपी सदस्यों के पास से कौन से इलेक्ट्रॉनिक सामान बरामद किए गए। पंजाब से कट्टरपंथी संगठन के सदस्यों के आने के बाद से डिब्रूगढ़ जेल में एक बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था स्थापित की गई थी। डिब्रूगढ़ जेल, पूर्वोत्तर की सबसे पुरानी और उच्च सुरक्षा वाली जेलों में से एक है जिसका निर्माण 1859-60 में अंग्रेजों ने किया था।
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