सेना की ताकत बढ़ेगी: के-9 वज्र होवित्जर तोपें खरीदने की तैयारी, मेक इन इंडिया के तहत तैयार होंगे सुखोई के इंजन

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सेना की ताकत बढ़ेगी: के-9 वज्र होवित्जर तोपें खरीदने की तैयारी, मेक इन इंडिया के तहत तैयार होंगे सुखोई के इंजन
भारतीय सेना (प्रतीकात्मक) Image Source : Amar Ujala

मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, लोकसभा चुनाव के बाद भारत के रक्षा क्षेत्र में कई सैन्य परियोजनाओं को मंजूरी दी जाएगी। एक रक्षा अधिकारी ने यह बात बताई है। केंद्र के एजेंडे में के-9 वज्र स्वचालित होवित्जर तोप खरीदने और ‘मेक इन इंडिया’ के तहत लड़ाकू विमान के इंजन तैयार करने के प्रस्ताव शामिल हैं। इसके साथ ही कई स्वदेशी रक्षा परियोजनाओं को भी मंजूरी दी जा सकती है।

मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, रक्षा अधिकारी ने बताया कि इन सभी परियाजनों को मार्च में ही मंजूरी देने के तैयारी थी लेकिन चुनाव को देखते हुए इस पर निर्णय नहीं लिया गया। अधिकारी ने उम्मीद जताई है कि चुनाव के बाद जल्द से जल्द इस पर फैसला लिया जाएगा। अधिकारी के अनुसार चुनाव के बाद के-9 वज्र हॉवित्जर तोप खरीदने और सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान के इंजन तैयार करने पर फैसला लिया जा सकता है। इसके साथ ही कई विकास परियोजनाओं को भी मंजूरी मिल सकती है।

मीडिया में आई खबर के अनुसार, बताया गया है कि सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान के इंजन हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएलएल) द्वारा तैयार किए जाएंगे। इन इंजनों को तैयार करने के लिए अनुमानित बजट 20,000 करोड़ रुपये होगा। एचएएल द्वारा सुखोई-30 एमकेआई विमानों के इंजनों का निर्माण ओडिशा के कोरापुट में किया जाएगा। खास बात यह है कि सभी इंजन पूर्ण रूप से स्वदेशी तकनीक से तैयार किए जाएंगे। दरअसल, भारतीय वायु सेना द्वारा अब तक अपने विमानों के नए इंजन के लिए विदेशों से मदद मांगी जाती थी, लेकिन अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा को देखते हुए इनको देश में ही तैयार करने की आवश्यकता बढ़ गई है।

मीडिया सूत्रों के अनुसार, इसके अलावा भारतीय सेना की मांग को देखते हुए 100 नई के-9 वज्र एसपी हॉवित्जर तोपें खरीदने के प्रस्ताव पर भी विचार हो सकता है। शुरुआत में भारतीय सेना इन तोपों का इस्तेमाल मैदानी और रेगिस्तानी क्षेत्रों में किया था। इसके बाद लद्दाख क्षेत्र में सफलतापूर्वक इन तोपों का इस्तेमाल किया गया।

मीडिया में आई खबर के अनुसार, चुनाव के बाद डीआरडीओ के कई रक्षा अनुसंधान और विकास कार्यक्रमों भी मुहर लग सकती है। आचार संहिता लागू होने से पहले ही केंद्र सरकार की बैठक में 61 हथियार प्रणालियों और उच्च तकनीक वाले रडार खरीदने की परियोजनाओं को मंजूरी दे गई थी। शीर्ष सरकारी अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि चुनाव के तुरंत बाद इन पर काम शुरू हो जाएगा।

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