मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, झारखंड में विभिन्न मामलों की जांच कर रही ईडी ने सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी राजीव अरुण एक्का के विरुद्ध लोकपाल में शिकायत की है। लोकपाल को ईडी ने 10 दिसंबर को पत्राचार कर राजीव अरुण एक्का के विरुद्ध अब तक की जांच में मिले तथ्यों से अवगत कराया है। ईडी ने लिखा है कि राज्य में मनरेगा घाेटाला व अवैध पत्थर खनन मामले की जांच के क्रम में नेताओं व नौकरशाहों के करीबी विशाल चौधरी के ठिकानों पर 24 मई 2022 को तलाशी ली गई थी। इसमें राज्य सरकार के तत्कालीन गृह सचिव राजीव अरुण एक्का का लिंक मिला था। इसके बाद ईडी ने राजीव अरुण एक्का, उनकी पत्नी, उनके बहनोई व अन्य रिश्तेदारों के ठिकानों पर भी तलाशी अभियान चलाया था। ईडी ने राजीव अरुण एक्का व उनके पारिवारिक सदस्यों के आय के स्रोत, निवेश आदि की भी जानकारी ली थी। इसमें एक्का के पास आय से अधिक संपत्ति की जानकारी मिली थी। राजीव अरुण एक्का व उनके पारिवारिक सदस्यों के खाते में अवैध तरीके से बड़ी मात्रा में रुपये जमा किए जाने की जानकारी मिल चुकी है। राजीव अरुण एक्का की एक तस्वीर भी वायरल हुई थी, जिसमें वे विशाल चौधरी के घर में अपनी महत्वपूर्ण फाइलों को निपटाते मिले थे।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, ईडी को जांच में ये तथ्य मिले थे कि राजीव अरुण एक्का ने विशाल चौधरी के साथ मिलकर बाजार से तीन गुणा से अधिक कीमत पर सामान खरीदी थी। रिश्वत में मिले रुपयों को पारिवारिक सदस्यों के खाते में जमा कराया था। विशाल ने अपनी काली कमाई के चार करोड़ रुपये से पुंदाग में 59 डिसमिल जमीन खरीदी थी। एक्का पर यह भी आरोप लगा था कि उन्होंने आईएएस सहित अन्य के ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए भी विशाल चौधरी के माध्यम से रिश्वत ली थी। डिलिंग कोड वर्ड में हुई थी, जिसमें राजीव अरुण एक्का के लिए आर. सर, आरएई, अपनी पत्नी श्वेता सिंह के लिए एसएससी, पैसे के लेन-देन में लाख के लिए फाइल व करोड़ के लिए फोल्डर शब्द का इस्तेमाल किया गया था।
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