मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि सोशल मीडिया पर अश्लील सामग्री पर अंकुश लगाने के लिए मौजूदा कानूनों को ओर अधिक सख्त बनाने की जरूरत है। लोकसभा में पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए श्री वैष्णव ने कहा कि सोशल मीडिया प्रेस की स्वतंत्रता का बहुत बड़ा माध्यम है लेकिन साथ ही सोशल मीडिया में संपादकीय अंकुश की कमी के कारण अश्लील सामग्री का प्रसारण भी होता है। ओटीटी मंचों की सामग्री के बारे में श्री वैष्णव ने कहा कि हमारे देश की और जिन देशों से ऐसे सोशल मीडिया आए हैं उनकी संस्कृति में बहुत अंतर है। उन्होंने कहा कि संसद की संबंधित स्थाई समिति को इस मुद्दे पर विचार करना चाहिए और कड़े कानून बनाने चाहिए।
श्री वैष्णव ने कहा कि सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी नियम 2021 अधिसूचित किए हैं जिनमें ओटीटी मंचों के प्रसारकों के लिए आचार संहिता निर्धारित की गई है। आचार संहिता के अंतर्गत प्रकाशकों को ऐसी किसी सामग्री के प्रसारण की अनुमति नहीं है जो कानूनन प्रतिबंधित है। यह भी प्रावधान रखा गया है कि आयु वर्ग के अनुसार किसी भी सामग्री को पांच श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाना चाहिए। ओटीटी मंचों के लिए यह भी प्रावधान है कि वे ऐसी सामग्री के प्रसारण में पर्याप्त ध्यान रखेंगे जो बच्चों के देखने के लिए उपयुक्त नहीं है। उन्होंने बताया कि सूचना और प्रौद्योगिकी कानून के अंतर्गत अश्लील और अभद्र सामग्री प्रसारित करने वाले अनेक ओटीटी मंचों को बंद करवा दिया गया है।
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News & Image Source: newsonair.gov.in