श्रीकाशी विश्वनाथ के अनन्य साधक, परम वीतराग तपस्वी, महान विद्वान, श्रोत्रिय ब्रह्मनिष्ठ शिवस्वरूप स्वामी शिवशंकर चैतन्य भारती उपाख्य स्वामी भारतीजी महाराज का रविवार को निधन हो गया। उन्होंने श्रीरामकृष्ण मिशन अस्पताल में दोपहर दो बजे अंतिम सांस ली। सूत्रों के मुताबिक, वह सौ वर्ष से अधिक आयु के थे। वह ऐसे साधक थे जो लगभग सौ वर्षों से अनवरत भगवान विश्वनाथ की उपासना, साधना कर रहे थे। लगभग 100 वर्षों से अनवरत भगवान विश्वनाथ की उपासना, साधना कर रहे भारती जी महाराज ने 20 वर्ष की आयु में ही संन्यास धर्म ग्रहण कर लिया था। वह प्रात: ढाई बजे से सायंकाल छह बजे तक भगवान विश्वनाथ के सानिध्य में रहते थे। गर्भगृह में बैठकर भगवान विश्वनाथ का अभिषेक करते रहते थे। लगभग आठ दशकों यह क्रम चलता रहा।
भगवान विश्वनाथ के परम भक्त संत श्री शिवशंकर चैतन्य भारती जी के महाप्रयाण का दुःखद समाचार काशी से प्राप्त हुआ। वो मंगला आरती में बाबा विश्वनाथ की सेवा में अनवरत उपस्थित होते थे। उनका प्रयाण काशी की संत परंपरा के लिए एक बड़ी क्षति है। संत श्री भारती जी महाराज के शिव स्वरूप में…
— Narendra Modi (@narendramodi) April 7, 2024
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