मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में हुई मौतों के कारणों का पता लगाने के लिए विशेषज्ञों की एक टीम नमूनों और अन्य कारकों का विश्लेषण जारी रखे हुए है। इसमें राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद, केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन और एम्स नागपुर के विशेषज्ञ शामिल हैं।
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने बताया है कि जाँचे गए छह नमूने डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल से मुक्त पाए गए। मध्य प्रदेश खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने बताया कि उनकी टीम द्वारा एकत्र किए गए तेरह नमूनों में से तीन भी संदूषण से मुक्त थे। हालाँकि, मध्य प्रदेश सरकार के अनुरोध पर, तमिलनाडु खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने कांचीपुरम स्थित सुश्री श्रीसन फार्मा के परिसर से कोल्ड्रिफ कफ सिरप के नमूनों का परीक्षण किया और परिणामों में डायथिलीन ग्लाइकॉल की मात्रा अनुमेय सीमा से अधिक होने की पुष्टि हुई।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कल छह राज्यों में फैली सभी उन्नीस नमूना दवाओं के निर्माण परिसरों में जोखिम-आधारित निरीक्षण शुरू किया गया। इसमें कहा गया है कि इस अभ्यास का उद्देश्य गुणवत्ता संबंधी विफलताओं के लिए जिम्मेदार कमियों की पहचान करना तथा भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए प्रक्रिया में सुधार का सुझाव देना है।
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News & Image Source: newsonair.gov.in