मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने राज्यसभा में ऑयलफील्ड विनियमन और विकास संशोधन विधेयक प्रस्तुत किया। यह विधेयक खनिज तेलों की परिभाषा में विस्तार के बारे में है जिसमें प्राकृतिक रूप से उपलब्ध हाइड्रोकार्बन, कोलबैड, मीथेन और शेल गैस शामिल हैं। विधेयक में स्पष्ट किया गया है कि खनिज तेलों में कोयला, इग्नाइट या हीलियम शामिल नहीं होंगे।
विधेयक प्रस्तुत करते हुए श्री पुरी ने कहा कि यह तेल और गैस क्षेत्र में कारोबार करना आसान बनाएगा। उन्होंने कहा कि इसमें कैद के रूप में सजा का उन्मूलन और अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए जुर्माना बढाने का प्रावधान किया गया है।
चर्चा शुरू करते हुए कांग्रेस सांसद शक्तिसिंह गोहिल ने विधेयक से मध्यस्थ का प्रावधान हटाने पर अप्रसन्नता व्यक्त की। भाजपा सांसद चुन्नीलाल गरसिया ने विधेयक का समर्थन किया।
तृणमूल कांग्रेस सांसद डोला सेन, वाईएसआरसीपी सांसद येर्राम वेंकट सुब्बा रेड्डी, बीजू जनता दल सांसद मानस रंजन मंगाराज और ऑल इण्डिया अन्ना डीएमके सांसद एम तम्बीदुरई ने भी चर्चा में भाग लिया। बहस जारी है।
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News & Image Source: newsonair.gov.in