मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, हरियाणा के नव नियुक्त मुख्य सूचना आयुक्त टीवीएसएन प्रसाद और पांच राज्य सूचना आयुक्तों को सोमवार को हरियाणा राजभवन में शपथ दिलाई जाएगी। शपथ ग्रहण कार्यक्रम शाम पांच बजे से होगा। इस कार्यक्रम के घोषित होने से पहले टीवीएसएन प्रसाद की नियुक्ति संबंधी आदेश जारी किए गए। टीवीएसएन प्रसाद को भी सरकार ने पूर्व के मुख्य सचिवों की तरह सरकार में एडजेस्ट कर दिया है। मौजूदा कानूनी प्रविधानों के अनुसार मुख्य सूचना आयुक्त और राज्य सूचना आयुक्त का कार्यकाल पदभार संभालने से लेकर तीन वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक होता है, जबकि वर्ष 2019 से पहले कार्यकाल की समय अवधि पांच वर्ष हुआ करती थी। इन पदों का मासिक वेतन सवा दो लाख रुपये है। इसके अलावा सरकारी आवास/कोठी और गाड़ी की सुविधा भी सरकार देती है। राज्य सूचना आयोग में सात सूचना आयुक्त लग सकते हैं, जबकि दो पद अभी खाली रह गए हैं। इन पदों के लिए 14 रिटायर्ड व कार्यरत आइएएस अधिकारियों समेत करीब साढ़े तीन सौ लोगों ने आवेदन किए थे।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, हरियाणा सरकार ने शुक्रवार को पांच सूचना आयुक्तों के नियुक्ति आदेश जारी किए थे, जिनमें सेवानिवृत्त एचसीएस अधिकारी अमरजीत सिंह, कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए कर्मवीर सिंह सैनी, हरियाणा टैक्स बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष करनाल के संजय मदान, हरियाणा लोक सेवा आयोग की सदस्य रह चुकी नीता खेड़ा और भाजपा भिवानी के जिलाध्यक्ष की बेटी प्रियंका धूपड़ शामिल हैं। अंबाला कैंट की निवासी नीता खेड़ा अगस्त 2016 से अगस्त 2022 तक एचपीएससी की सदस्य रह चुकी हैं। नियमानुसार वह संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की चेयरपर्सन या सदस्य अथवा राज्य लोक सेवा आयोग की चेयरपर्सन तो नियुक्त हो सकती हैं, परंतु केंद्र सरकार और हरियाणा सहित राज्य सरकार के अधीन किसी पद पर उनकी नियुक्ति नहीं हो सकती है। इससे पहले अप्रैल 2023 में डॉ. कुलबीर छिकारा को भी सूचना आयुक्त बनाया गया था, जो जून 2015 से अगस्त 2021 तक एचपीएससी के सदस्य रह चुके हैं। सूचना आयुक्त के तौर पर उनका कार्यकाल अप्रैल 2026 तक है। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट और संवैधानिक मामलों के जानकार हेमंत कुमार के मुताबिक राज्य सूचना आयुक्त वैधानिक पद है जो संसद द्वारा अधिनियमित सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 के अंतर्गत आता है। संविधान के अनुच्छेद 319 (डी) के अनुसार राज्य लोक सेवा आयोग के पूर्व सदस्य की ऐसे वैधानिक पद पर नियुक्ति नहीं की जा सकती है। अगर कोई नीता खेड़ा और यहां तक कि दो वर्षों से कार्यरत डॉ. कुलबीर छिकारा की सूचना आयुक्त के तौर पर नियुक्ति को हाई कोर्ट में चुनौती देता है तो अदालत दोनों की नियुक्ति को खारिज भी कर सकती है।
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