हरियाणा की बेटी पायल छाबड़ा ने देश-दुनिया के मंच पर एक नया इतिहास रच दिया है। मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कैथल जिले के कलायत की रहने वाली पायल छाबड़ा ने सशस्त्र बल चिकित्सा सेवाओं में डॉक्टर रहते हुए प्रशिक्षित पैरा परीक्षा पास की है। अब उन्हें पैरा कमांडो बनने का गौरव हासिल हुआ है। पायल छाबड़ा युवाओं के लिए मिसाल बनी है। लद्दाख आर्मी अस्पताल में डॉक्टर के पद पर रहते हुए पायल छाबड़ा के लिए ये मुकाम हासिल करना आसान नहीं था। इसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की है।
मीडिया की माने तो, अपनी सफलता को लेकर पायल छाबड़ा का कहना है कि पैरा कमांडो बनने का सफर आसान नहीं है। हिम्मत और कुछ कर गुजरने का जज्बा इसे स्पेशल बनाता है। उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण की शुरुआत सुबह 3 से 4 बजे के बीच हो जाती है। उन्हें 20 से 65 किलोग्राम वेट लेकर 40 किलोमीटर तक दौड़ने जैसे कई टास्क पूरे करने पड़ते है। इसके लिए जुनून होना चाहिए। अधिकांश जवान तो हिम्मत हार जाते है लेकिन जिनके इरादे मजबूत होते है वो मुकाम हासिल करने में कामयाब होते है। इसके लिए शारीरिक और मानसिक फिटनेस का होना जरूरी होता है।
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