मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत ‘सबके लिए आवास’ का सपना पूरा हो रहा है। न केवल आर्थिक रूप से कमजोर बल्कि अल्पसंख्यक, ओबीसी और एससी-एसटी लाभार्थियोंको भी लाखों मकान स्वीकृत किए गए हैं। केंद्रीय आवासन एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल ने पिछले नौ सालों में 16 लाख से अधिक आवास अल्पसंख्यक लाभार्थियों को स्वीकृत किए हैं, जबकि 25 लाख आवास एससी/एसटी लाभार्थियों को मिले हैं। देश भर में 46 लाख ओबीसी लाभार्थियों को प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत आवास स्वीकृत हुए हैं। 1.20 करोड़ स्वीकृत घरों में से 94 लाख आवास का निर्माण हो चुका है। केंद्र सरकार ने आवास स्वीकृत करने में झुग्गी-झोंपड़ी वालों का भी पूरा ख्याल रखा है। देश भर में 29 लाख झुग्गीवासियों को 1 लाख 27 हजार 54 करोड़ रुपये के निवेश के साथ आवास स्वीकृत हुए हैं, जिनमें केंद्रीय सहायता के 44 हजार 218 करोड़ रुपये शामिल हैं। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने दावा किया है कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत बनाए जा रहे मकान जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन (जेएनएनयूआरएम) से कहीं बेहतर हैं। केंद्र सरकार की आवास की गुणवत्ता, आकार, बुनियादी सुविधाएं शौचालय, पानी, बिजली के प्रविधानों का विशेष ध्यान रखा है। जेएनएनयूआरएम स्लम केंद्रित था, जबकि पीएमएवाइ-शहरी ‘सभी के लिए आवास’ की अवधारणा का पालन कर रहा है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार ने 10 जून 2024 को अपनी पहली कैबिनेट की बैठक में अगले पांच वर्षों में तीन करोड़ अतिरिक्त ग्रामीण और शहरी लाभार्थियों को घरों के निर्माण/खरीद में मदद करने का निर्णय लिया है। 2004 से 2014 तक सिर्फ 13.46 लाख आवास स्वीकृत हुए जबकि 2014-24 के बीच केंद्र की भाजपा सरकार ने 1.20 करोड़ घर स्वीकृत किए हैं, जो कि पिछली योजनाओं से नौ गुणा अधिक हैं। कुल स्वीकृत घरों में ईडब्ल्यूएस के लिए 1 करोड़ घर, एलआईजी के लिए 14 लाख और एमआईजी के लिए 6 लाख घर शामिल हैं। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने बताया कि इस योजना के तहत अब तक कुल 94 लाख से अधिक आवासों को पूरा किया जा चुका है, जो कि पिछली योजनाओं से 10 गुणा अधिक है। पीएमएवाइ-शहरी के तहत 8 लाख करोड़ का 21 गुना निवेश हुआ, जिसमें दो लाख करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता भी शामिल है। योजना के तहत 1.64 लाख करोड़ की केंद्रीय राशि जारी की गई, जो कि पिछली योजनाओं से 10 गुणा अधिक है। 25 लाख लाभार्थियों के लिए 58,868 करोड़ की ब्याज सब्सिडी जारी की गई है, जो कि पिछली योजनाओं से 2616 गुणा अधिक है। देश मे पहली बार 6 लाख एमआईजी लाभार्थियों को 12 हजार 885 करोड़ की ब्याज सब्सिडी प्रदान की गई है। 93 लाख घर या तो महिलाओं के नाम पर हैं या संयुक्त स्वामित्व में हैं।
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